लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के परिवार में चल रहे अंतर्कलह में आज उस वक़्त नया मोड़ आया, जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की। दरअसल इस नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव का नाम ग़ायब था। इतना ही नहीं, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के चाचा और मुलायम सिंह यादव के विश्वासपात्र शिवपाल यादव को भी इस नई कार्यकारिणी में जगह नहीं मिल सकी है। हालांकि, हाल के दिनों में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि, परिवार में सुलह हो गयी है और अखिलेश यादव भी कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे थे। किन्तु आज के राजनितिक घटनाक्रम से आभास होता है कि, रिश्ते में दूरियां बढ़ गयी हैं और निकट भविष्य में पार्टी में घमासान के आसार नज़र आ रहे हैं।
आज समाजवादी पार्टी के मुखिया द्वारा घोषित नई कार्यकारिणी में कुछ नए चेहरे भी साने आए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा को उपाध्यक्ष का पदभार सौंपा गया है। इसके अलावा रामगोपाल यादव को पार्टी के महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।रामगोपाल के अतिरिक्त ६ और महासचिव बनाए गए हैं, जिनमें आजम खां और नरेश अग्रवाल भी शामिल हैं।
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