भारत का सर्वोच्च न्यायालय. फ़ाइल | फोटो साभार: द हिंदू
सुप्रीम कोर्ट ने एक बैच को खारिज कर दिया है अपने फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाएंजिसने माना कि आरक्षण देने के लिए राज्यों को अनुसूचित जाति के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला त्रिवेदी, पंकज मिथल, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा की सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है।
शीर्ष अदालत ने समीक्षा याचिकाओं को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने के आवेदन भी खारिज कर दिये।
प्रकाशित – 04 अक्टूबर, 2024 04:31 अपराह्न IST
इसे शेयर करें: