छपरा: आरएमएनसीएचए+एन (प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बाल और किशोर स्वास्थ्य प्लस पोषण) के दौरान क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक (आरपीएम) प्रशांत कुमार ने कहा कि नवजात को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का दूध मिलना चाहिए और यह छह महीने तक जारी रहना चाहिए। बुधवार को छपरा सदर अस्पताल में प्रशिक्षण।
कुमार ने आयोजित प्रशिक्षण में कहा, “इसका पालन करने से शिशु मृत्यु दर में 20% की कमी आएगी, डायरिया और निमोनिया का खतरा क्रमशः 11 और 15% तक कम होगा। जो बच्चे मां का दूध पीते हैं उनमें बुद्धिमता दूसरों की तुलना में अधिक पाई जाती है।” प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम इकाई द्वारा।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि नवजात शिशुओं का विकास पहले छह महीनों तक उन्हें दिए जाने वाले भोजन पर निर्भर करता है। “अगले दो वर्षों में माँ के दूध के साथ-साथ उचित आहार भी देना चाहिए क्योंकि इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।”
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