दिल्ली उच्चन्यायालय ने बाबा राम रहीम की दत्तक पुत्री हनीप्रीत इंसां की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज की

नई दिल्ली। बाबा राम रहीम की दत्तक पुत्री और निकट सहयोगी हनीप्रीत इंसां की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी और कहा कि, उनके लिए आत्मसमर्पण कर देना सबसे सुगम मार्ग होता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हनीप्रीत द्वारा दाखिल की गई याचिका को औचित्यपूर्ण नहीं माना , साथ ही न्यायालय ने हनीप्रीत को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय जाने की सलाह देते हुए कहा कि, यह दिल्ली उच्च न्यायालय का मामला ही नहीं है। गौर तलब है कि, हनीप्रीत हरियाणा में गिरफ्तारी से बचने का प्रयास करती रही हैं। उन्हों ने अपनी याचिका में इस बात का अंदेशा ज़ाहिर किया है कि, हरियाणा में उनकी जान को खतरा है। उनके वकील प्रदीप कुमार आर्य ने पीठ से हनीप्रीत को अग्रिम ज़मानत देने का अनुरोध करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि हनीप्रीत को जांच में शामिल होने से कोई आपत्ति नहीं है।  


गौर तलब है कि, हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत इंसां को भगोड़ा घोषित किया हुआ है और उसे गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नज़दीकी क्षेत्रों में पुलिस के द्वारा छापेमारी की जा रही है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, यह मामला दिल्ली का नहीं होने के बावजूद हनीप्रीत दिल्ली में याचिका दायर करके गिरफ़्तारी से बचने हेतु कुछ मोहलत चाह रही हैं। 

ग़ज़नफ़र

ग़ज़नफ़र एक प्रतिष्ठित पत्रकार, लेखक, शोधकर्ता और मीडिया सलाहकार हैं। उनके पास पत्रकारिता के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है और उन्होंने विभिन्न मीडिया आउटलेट्स के साथ काम किया है। ग़ज़नफ़र की लेखन शैली सरल, प्रभावशाली और सूचनात्मक है, जो उन्हें पाठकों के बीच लोकप्रिय बनाती है। ग़ज़नफ़र की रचनात्मकता और विश्लेषणात्मक क्षमता उनके लेखन और शोध में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वे विभिन्न विषयों पर लिखते हैं और विभिन्न संगठनों को मीडिया से सम्बंधित विषयों पर परामर्श प्रदान करते हैं।

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