आदिवासियों द्वारा निर्मित लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री हेतु अमेज़न के साथ भारत सरकार ने किया क़रार

नई दिल्लीः भारत सरकार ने लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए दुनिया की जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न से एक क़रार किया है। दरअसल आज हर प्रकार के उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बेचे जा रहे हैं और देश में ऑनलाइन ख़रीदारी के बढ़ते हुए चलन को देखते हुए भारत सरकार ने भी लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मेसर्स अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ क़रार किया है।गौर तलब है कि बांस, केन, चारे, पत्ते,गोंद,मोम,रंग और नट्स, जंगली फल, शहद, लाख, तसर इत्यादि जैसे अनेक वनस्पति मूल के वे गैर-लकड़ी वन्य उत्पाद हैं, जो अभावग्रस्त आदिवासियों की जीविकापार्जन का साधन हैं तथा इन उत्पादों की बाज़ार में भी अच्छी खासी मांग भी है।यह क़रार भारत सरकार की ओर से Trifed ने किया है। Trifed अर्थात् भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ, जो जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत एक राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन है और जनजातीय क्षेत्रों के वन्य उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा बाज़ार विकास के लिए कार्य करती है।


इस क़रार के अंतर्गत आदिवासियों द्वारा निर्मित हथकरघा, बांस से तैयार उत्पाद, आदिवासी गहने, ढोकरा उत्पाद, आदिवासियों द्वारा निर्मित दस्तकारी एवं चित्रों के साथ-साथ शहद, नट्स जैसे खाद्य पदार्थ और अन्य गैर लकड़ी वन उत्पाद भी amazon.in पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।अमेज़न के प्लेटफार्म से यह उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचने में सफ़ल हो सकेगा।इस ऑनलाइन सेल्स सुविधा की उपलब्धता आदिवासीयों की आर्थिक विकास में अहम् भूमिका निभा सकती है।  

ग़ज़नफ़र

ग़ज़नफ़र एक प्रतिष्ठित पत्रकार, लेखक, शोधकर्ता और मीडिया सलाहकार हैं। उनके पास पत्रकारिता के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है और उन्होंने विभिन्न मीडिया आउटलेट्स के साथ काम किया है। ग़ज़नफ़र की लेखन शैली सरल, प्रभावशाली और सूचनात्मक है, जो उन्हें पाठकों के बीच लोकप्रिय बनाती है। ग़ज़नफ़र की रचनात्मकता और विश्लेषणात्मक क्षमता उनके लेखन और शोध में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वे विभिन्न विषयों पर लिखते हैं और विभिन्न संगठनों को मीडिया से सम्बंधित विषयों पर परामर्श प्रदान करते हैं।

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