नई दिल्लीः भारत सरकार ने लघु वन उत्पादों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य का समस्त देश में कार्यान्वयन करने का फैसला लिया है। दरअसल लघु वन उत्पादों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलवाने की इस योजना पर पहले से ही 9 राज्यों में अमल हो रहा था, जिसे अब समस्त देश के लिए कर दिया गया है। निःसंदेह इस से आदिवासी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा निर्गत एक प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि, शुरूआती दौर में यह सुविधा केवल 24 लघु वन उत्पादों के लिये ही उपलब्ध कराये जायेंगे। लेकिन इस संख्या को क्रमबद्ध ढंग से बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
लघु वन उत्पादों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य देश भर में लागू
गौर तलब है कि, लघु वन उत्पाद आदिवासी अथवा वन आधारित अर्थव्यवस्था में अहम् भूमिका निभाते हैं, क्योंकि यही उनके जीविकापार्जन का प्रमुख साधन होता है। किन्तु बाज़ार आधारित मूल्यों में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव से आदिवासी समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता रहा है। अब उनके वन उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य सुविधाओं की उपलब्धता से उन्हें बड़ी राहत मिलने की संभावना है।