खाद्यान्‍न का उत्‍पादन बढ़ाकर और उसके उचित वितरण से देश आगे बढ़ सकता है : उपराष्‍ट्रपति


उपराष्‍ट्रपति ने आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्‍वविद्यालय के 49वे दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

नेल्‍लौर (आंध्र प्रदेश) पी आई बी समाचार:  राष्‍ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि कोई भी भूखा न रहे और सभी के लिए पर्याप्‍त पोषण के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए खाद्यान्‍न का उत्‍पादन बढ़ाकर और उसके उचित वितरण से देश आगे बढ़ सकता है। उपराष्‍ट्रपति आज आंध्र प्रदेश के नेल्‍लौर जिले में आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्‍वविद्यालय (एएनजीआरएयू) में 49वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्‍यपाल और एएनजीआरएयू के चांसलर ई.एस.एल. नरसिम्‍हन, आंध्र प्रदेश के कृषि मंत्री  सोमीरेड्डी चन्‍द्र मोहन रेड्डी और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति मौजूद थे।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध, दाल और जूट उत्‍पादक है और चावल, गेंहू, गन्‍ना, मूंगफली, सब्जियों, फलों और कपास उत्‍पादन में उसका दूसरा स्‍थान है। उन्‍होंने कहा कि हमारे देश की बढ़ती हुई जनसंख्‍या की बढ़ती हुई जरूरतों को देखते हुए जरूरी है कि हम अपने घर में ही तैयार खाद्य सुरक्षा रणनीति तैयार करें।

उपराष्‍ट्रपति ने सुझाव दिया कि सबसे पहले हमें ‘‘4-1’’ यानी सिचाई’, ‘निवेश ऋणऔर बीमाको मिलाकर बने पारिस्थितिकी तंत्र (ई2ई) को शुरू से अंत तक प्रदान करना होगा। दूसरा प्रयोगशाला से जमीन (एल2एल) तक प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण है।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण सड़कों में बुनियादी सुधार, निर्भरता योग्‍य गुणवत्‍तापूर्ण बिजली, गोदाम, शीत गृह की सुविधा, रेफ्रीजरेटिड वैन और बाजार यार्ड में सुधार कृषि क्षेत्र की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्‍यक पूर्व शर्त है। उन्‍होंने कहा कि उचित ब्‍याज दरों पर समय पर ऋण की सुविधा और किसानों के अनुकूल बीमा पॉलिसियां एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कृषि का महत्‍वपूर्ण अंग है।photo credit:PIB

ग़ज़नफ़र

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