झारखण्ड में फिर हुई भूख से मौतें, नहीं मिल रहा था मृतकों को पी डी एस से राशन




रांची: झारखण्ड के सिमडेगा ज़िले में हुई 11 वर्षीया संतोषी कुमारी की भूख से हुई मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि, राज्य में भूख से दो और मौतें होने की ख़बर आ रही है। इन मौतों में हैरान करने वाली बात यह है कि, इन सब मामलों में मृतकों के परिवार को जन वितरण प्रणाली के तहत राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। 

ख़बर है कि, धनबाद ज़िले के बैद्यनाथ दास की भूख से मौत हो गई है। मृतक बैद्यनाथ दास भाड़े का रिक्शा चलाता था, किन्तु उसका काम ठीक से नहीं चल पा रहा था। बताया जा रहा है कि, रिक्शा चालक दास का भी राशन कार्ड रद्द हो गया था। जिसके कारण उसे जन वितरण प्रणाली के तहत राशन की आपूर्ति नहीं की जा रही थी।


दूसरी घटना में राज्य के देवघर ज़िले के मोहनपुर प्रखंड के भगवानपुर ग्राम के निवासी 62 वर्षीय रूपलाल मरांडी की भूख के कारण मौत हो गयी है। मृतक मरांडी की बेटी की मानें तो उसके पिता के अंगूठे का निशान बायोमेट्रिक डाटा से मैच नहीं हो पा रहा था, जिसके कारण परिवार को पिछले दो महीनों से जन वितरण प्रणाली के तहत राशन की आपुर्ति नहीं हो सकी थी। 
  

गौर तलब है कि, इस सम्बन्ध में देश की सबसे ऊँची अदालत सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी के पास आधार होना ज़रूरी नहीं है।  

ग़ज़नफ़र

ग़ज़नफ़र एक प्रतिष्ठित पत्रकार, लेखक, शोधकर्ता और मीडिया सलाहकार हैं। उनके पास पत्रकारिता के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है और उन्होंने विभिन्न मीडिया आउटलेट्स के साथ काम किया है। ग़ज़नफ़र की लेखन शैली सरल, प्रभावशाली और सूचनात्मक है, जो उन्हें पाठकों के बीच लोकप्रिय बनाती है। ग़ज़नफ़र की रचनात्मकता और विश्लेषणात्मक क्षमता उनके लेखन और शोध में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वे विभिन्न विषयों पर लिखते हैं और विभिन्न संगठनों को मीडिया से सम्बंधित विषयों पर परामर्श प्रदान करते हैं।

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