2019 में विशेष संवैधानिक दर्जा हटाए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के पहले चुनाव में राजनीतिक दलों के समर्थन के बिना चुनाव लड़ रहे 365 उम्मीदवारों की आवाज़ में एक भावनात्मक अपील है। पीरज़ादा आशिक का मानना है कि भाजपा की गणना निर्दलीय उम्मीदवारों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनके लिए जम्मू-कश्मीर की विरासत वाली पार्टियों को उखाड़ फेंकने की कोशिश में ‘जेल’ एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है।
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