प्रधानमंत्री के पाकिस्तान संबंधी बयान के बाद फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर निशाना साधा

प्रधानमंत्री के पाकिस्तान संबंधी बयान के बाद फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर निशाना साधा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। फाइल | फोटो क्रेडिट: द हिंदू

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार (20 सितंबर, 2024) को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आरोप है कि एनसी-कांग्रेस गठबंधन “पाकिस्तान के एजेंडे को लागू कर रहा था” कश्मीर में”।

डॉ. अब्दुल्ला ने पूछा, “हमने कभी कश्मीर में पाकिस्तान के एजेंडे की वकालत नहीं की। वे (भाजपा) ही इसे चलाते हैं और हम पर आरोप लगाते हैं। क्या उन्होंने (भाजपा) उन लोगों को रिहा नहीं किया जो कश्मीर में हमेशा पाकिस्तान की रट लगाते थे और जनमत संग्रह की बात करते थे? मुझे एक भी ऐसा व्यक्ति दिखाइए जिसने इसकी वकालत की हो और वह नेशनल कॉन्फ्रेंस में हो।”

पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार (19 सितंबर) को जम्मू के कटरा में एक रैली में पीएम मोदी द्वारा की गई टिप्पणी पर सवाल उठाया, जहां श्री मोदी ने कहा कि “पाकिस्तान एनसी-कांग्रेस गठबंधन से उत्साहित है, क्योंकि यह पाकिस्तान के एजेंडे को लागू कर रहा है”।

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उमर ने कहा, “अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस पाकिस्तान और आतंकवादियों का एजेंडा चला रही थी, तो फिर हमारे 4,500 कार्यकर्ता, जिनमें विधायक और एमएलसी भी शामिल हैं, हमलों में क्यों मारे गए। जमीनी हकीकत इन दावों को झूठलाती है।”

पीडीपी अध्यक्ष सुश्री मुफ्ती ने क्षेत्रीय दलों पर प्रधानमंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा कि “यदि नेशनल कॉन्फ्रेंस पाकिस्तान के एजेंडे को लागू कर रही होती तो 1947 में जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता।”

सुश्री मुफ़्ती ने कहा, “भाजपा को शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला का शुक्रगुज़ार होना चाहिए जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद भारत को चुना। हालांकि, बाद में श्री अब्दुल्ला ने जनमत संग्रह का हौवा खड़ा कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप कश्मीर में अनाथ और विधवाएँ पैदा हो गईं।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को नेशनल कॉन्फ्रेंस का “आभारी” होना चाहिए। उन्होंने कहा, “जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला सत्ता में थे और भाजपा विदेश मंत्री थी, तो वे कश्मीर मुद्दे को नकारते हुए दुनिया भर में घूमते थे।”

सुश्री मुफ्ती ने कहा कि 2014 में भाजपा के साथ उनका गठबंधन इन शर्तों पर हुआ था कि “अनुच्छेद 370 के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, नियंत्रण रेखा के पार सड़कें खोली जाएंगी और पाकिस्तान और हुर्रियत के साथ बातचीत की जाएगी।”

जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए पाकिस्तान का हौवा खड़ा कर रही है। कश्मीर मुद्दे पर अपनी पार्टी के रुख को दोहराते हुए मुफ्ती ने कहा, “जब तक कंसर्टिना तार लगे रहेंगे, कश्मीर एक मुद्दा बना रहेगा। इसका समाधान होना चाहिए। कश्मीर एक मुद्दा है।”



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