25 नवंबर तक 7.43 करोड़ लाभार्थियों ने यू-विन पोर्टल पर पंजीकरण कराया

25 नवंबर तक 7.43 करोड़ लाभार्थियों ने यू-विन पोर्टल पर पंजीकरण कराया

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि 25 नवंबर तक यू-विन पोर्टल पर कुल 7.43 करोड़ लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है।
विज्ञप्ति के अनुसार, यू-विन का प्रारंभिक पायलट 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 63 जिलों में आयोजित किया गया था, जिसके बाद राष्ट्रव्यापी रोलआउट किया गया।
मंत्रालय ने कहा, “25 नवंबर 2024 तक, 7.43 करोड़ लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है, 1.26 करोड़ टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए हैं, और 27.77 करोड़ प्रशासित वैक्सीन खुराक यू-विन पर दर्ज की गई हैं।”
प्लेटफ़ॉर्म के बढ़ते दैनिक उपयोग ने नागरिकों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं दोनों के बीच टीकाकरण सेवाओं के बारे में जागरूकता और तैयार पहुंच पैदा की है।
यू-विन सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत प्रदान की जाने वाली सभी टीकाकरण सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों (जन्म से 16 वर्ष तक) को 12 वैक्सीन-निवारक टीकों के समय पर जीवन रक्षक टीकों का प्रशासन सुनिश्चित करता है। रोग।
यूआईपी का वार्षिक लक्ष्य लगभग 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाएं और 2.6 करोड़ शिशु (0-1 वर्ष) है। यू-विन का राष्ट्रव्यापी रोलआउट पूरा हो चुका है।
इसकी प्रमुख विशेषताओं में ‘कभी भी पहुंच’ और ‘कहीं भी’ टीकाकरण सेवाएं, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) और बाल एबीएचए का निर्माण, नागरिक मॉड्यूल, स्वचालित एसएमएस अलर्ट, क्यूआर-आधारित ई-टीकाकरण प्रमाणपत्र और डेटा प्रविष्टि के लिए ऑफ़लाइन मोड शामिल हैं। टीका लगाने वाले
यू-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म में उपयोग में आसानी और पहुंच के लिए नागरिकों और टीकाकरणकर्ताओं दोनों के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन भी है।
यू-विन प्लेटफॉर्म पंजीकरण की पुष्टि, प्रशासित टीके की खुराक की पावती और आगामी खुराक के लिए अनुस्मारक एसएमएस (टीकाकरण की नियत तारीख से 3 दिन पहले) के लिए स्वचालित एसएमएस अलर्ट सक्षम करता है।
यू-विन का ऑफ़लाइन मोड स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इंटरनेट कनेक्टिविटी के बिना क्षेत्रों में टीकाकरण सेवाओं को रिकॉर्ड करने की अनुमति देता है। एक व्यापक राष्ट्रव्यापी सोशल मीडिया अभियान के माध्यम से आम जनता, विशेषकर गर्भवती महिलाओं के बीच जागरूकता फैलाई जाती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह बात कही।





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