Badnawar (Madhya Pradesh): इटावा, यूपी के 23 वर्षीय युवक हरिओम नायक बंजारा की शनिवार रात को झोलाछाप स्वास्थ्यकर्मी दुबे के कथित इलाज के कारण मौत हो गई। यूपी के भीखेपुरा गांव के रहने वाले बंजारा को दुबे ने एकवीरा रोड स्थित अपने घर पर दो-तीन दिन से बुखार का इलाज कराया था।
लेकिन अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे बड़नगर रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्य से रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी रूम में रखवा दिया गया है, जो परिजनों के आने के बाद किया जाएगा। बंजारा बर्तन बेचने का काम करता था और पिटगारा गांव में डेरा बनाकर रहता था।
इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है, उनका दावा है कि दुबे बिना योग्यता के भी एलोपैथी का अभ्यास कर रहा है। आरोप है कि इससे पहले उसके उपचार से दो लोगों की जान जा चुकी है। स्थानीय लोग दुबे और इलाके के अन्य झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जो सरकारी निर्देशों के बावजूद खुलेआम अभ्यास कर रहे हैं।
यह घटना झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करती है, जो लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। कई झोलाछाप डॉक्टर सरकारी कार्रवाई से बचने के लिए अपने क्लीनिक के सामने मेडिकल स्टोर चला रहे हैं। अधिकारियों को इस खतरे को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को उचित चिकित्सा उपचार मिले।
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