Bhopal (Madhya Pradesh): राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की पीठ ने मंगलवार को इंदौर नगर निगम (आईएमसी) से इंदौर में सिरपुर झील की सुरक्षा और संवर्धन के लिए गारलैंड ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
आईएमसी प्रशासन से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का स्थान भी स्पष्ट करने को कहा गया है, जो कथित तौर पर फुल टैंक लेवल के 50 मीटर के दायरे में है। इसके स्थान ने विवाद को जन्म दिया है। ग्रीन एक्टिविस्ट और याचिकाकर्ता राशिद नूर खान ने कहा, “एसटीपी का स्थान वेटलैंड नियमों का उल्लंघन है। इसलिए एनजीटी ने आईएमसी प्रशासन से एसटीपी स्थान और गारलैंड ड्रेनेज सिस्टम की हमारी मांग पर अपनी रिपोर्ट और विचार प्रस्तुत करने को कहा है।
गारलैंड ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित होगा क्योंकि प्रदूषित पानी को झील के बाहरी हिस्से से निकालकर कहीं और छोड़ा जाएगा, लेकिन सिरपुर झील में नहीं।” याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील हर्षवर्धन तिवारी ने कहा, “हमने इंदौर की सिरपुर झील के संरक्षण के लिए गारलैंड ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण की मांग की है। एक बार जब एनजीटी इस मुद्दे पर फैसला ले लेता है, तो यह भोपाल और अन्य शहरों जैसे अन्य जल निकायों के लिए रास्ता साफ कर देगा, जहां एसटीपी के निर्माण ने अपने स्थान के कारण विवाद को जन्म दिया है।”
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