चेन्नई टेस्ट के पहले दिन बांग्लादेश के खिलाफ 56 रन की महत्वपूर्ण पारी खेलने वाले यशस्वी जायसवाल


यशस्वी जायसवाल ने गुरुवार को यहां बांग्लादेश के खिलाफ तेज गेंदबाजों के अनुकूल परिस्थितियों में 56 रन की पारी खेली और इस युवा सलामी बल्लेबाज ने कहा कि इस तरह के अनुभव उन्हें भविष्य में मजबूत और हर मौसम में खेलने वाला खिलाड़ी बनाएंगे।

जायसवाल ने भारत को शर्मसार होने से बचाया

जायसवाल के अर्धशतक और साथी बायें हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ उनकी 62 रन की साझेदारी की बदौलत भारत ने पहले टेस्ट मैच के पहले दिन पहले 10 ओवर में तीन विकेट पर 34 रन बनाकर बड़ी पारी से बचने में सफलता हासिल की।

जायसवाल ने दिन भर चली प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “इन परिस्थितियों में खेलना अद्भुत था। इससे मैं मजबूत बनूंगा और इससे सीखूंगा कि इन परिस्थितियों में कैसे खेलना है और अपनी पारी की योजना कैसे बनानी है।”

उन्होंने कहा, “मैं अपनी टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी करने की कोशिश करता हूं और उसी के अनुसार अपने खेल में बदलाव करता रहता हूं। अगर शुरुआत में विकेट गिर जाए तो मैं कैसे बल्लेबाजी कर सकता हूं? जब रन बन रहे हों तो मैं कैसे बल्लेबाजी कर सकता हूं?”

कठिन बल्लेबाजी परिस्थितियाँ

जायसवाल ने माना कि पहले कुछ सत्रों में गेंदबाजों को कुछ मदद मिली, जिससे भारतीय बल्लेबाजों को सतर्क रुख अपनाना पड़ा।

उन्होंने कहा, “शुरू में मुझे लगता है कि गेंद थोड़ी मूव कर रही थी और सीम कर रही थी तथा विकेट थोड़ा नीचे था। इसलिए हमने अपना समय लिया। लेकिन अगर आप आखिरी सत्र को देखें तो हमने काफी अच्छा स्कोर बनाया और मुझे लगता है कि हम इस समय अच्छी स्थिति में हैं।”

ऋषभ पंत के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी

22 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि वह और पंत रन बनाने के लिए ढीली गेंदों का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि उस समय बांग्लादेश के गेंदबाजों का पलड़ा भारी था।

“मुझे लगता है कि शुरुआत में विकेट थोड़ा मददगार था और अगर आप मौसम को देखें तो थोड़ा बादल भी छाया हुआ था। लेकिन हम सुरक्षित खेलते हुए उस दौर से गुजरने की कोशिश कर रहे थे।”

जायसवाल ने कहा कि चार विकेट लेने वाले हसन महमूद ने अच्छी लाइन पर गेंदबाजी की और वे इस तेज गेंदबाज के खिलाफ अपने पैरों का अच्छा इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने निश्चित रूप से अच्छी गेंदबाजी की लेकिन कई बार उन्होंने ढीली गेंदें भी दी जिन पर हमने रन बनाये। हम बस इस बारे में बात कर रहे थे कि हम अपने पैरों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, “हम यह देखने की कोशिश कर रहे थे कि रन बनाने के लिए कोई ढीली गेंद तो नहीं है और साझेदारी बनाने तथा यथासंभव लंबे समय तक खेलने की कोशिश कर रहे थे।”




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