Arvind Kejriwal to address ‘Janta Ki Adalat’ at Jantar Mantar on Sept 22

आम आदमी पार्टी (आप) आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में जोरदार लड़ाई के लिए कमर कस रही है और उसका ध्यान बूथ स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने पर है।
गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक और राज्य संयोजक गोपाल राय ने मंडल प्रभारियों को एकजुट किया और हर बूथ पर जीत का संकल्प लिया।
पाठक ने घोषणा की कि यह चुनाव भारतीय इतिहास में अभूतपूर्व होगा, यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री मोदी भी घर-घर जाकर प्रचार करेंगे। गोपाल राय ने पदाधिकारियों से अरविंद केजरीवाल की मुख्यमंत्री के रूप में विजयी वापसी सुनिश्चित करने के लिए कमांडरों की तरह लड़ने का आग्रह किया। अरविंद केजरीवाल 22 सितंबर को जंतर-मंतर पर ‘जनता की अदालत’ को संबोधित करेंगे।
सभा को संबोधित करते हुए पाठक ने कहा कि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव इतना भीषण होने जा रहा है कि मुझे नहीं लगता कि भारत के इतिहास में किसी भी पार्टी ने इस स्तर पर चुनाव लड़ा होगा।
आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) ने कहा, “पिछले विधानसभा चुनाव में अमित शाह को खुद आकर दिल्ली की गलियों में भाजपा के लिए पर्चे बांटने पड़े थे। क्योंकि हमारे कार्यकर्ताओं ने उन्हें ऐसा करने पर मजबूर किया था। मैं गारंटी देता हूं कि अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री मोदी भी दिल्ली में घर-घर जाकर पर्चे बांटेंगे।”
उन्होंने कहा, “इस बार मैं एक ‘मदल’ (डिवीजन) भी लूंगा। मेरे पास कितना भी काम क्यों न हो, मैं एक ही डिवीजन पर काम करूंगा। डिवीजन इंचार्ज होने के नाते हर किसी की पहली जिम्मेदारी अपने अधीन एक सेना तैयार करना है।”
आप दिल्ली प्रदेश संयोजक ने कहा कि दिल्लीवासियों के आशीर्वाद और वोट से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में भारी बहुमत से सरकार बनी और उन्होंने दिल्ली में जबरदस्त गति से काम किया।
उन्होंने कहा, “जब दिल्ली में पहली बार सरकार बनी थी, तो भाजपा इसे एक्सीडेंटल सरकार कह रही थी, लेकिन दिल्ली में भारी बहुमत के साथ अरविंद केजरीवाल की सरकार दोबारा बनी। दिल्ली के बाद पंजाब में हमारी सरकार बनी। इसके बाद गोवा और गुजरात में भी आप के विधायक बने और देखते ही देखते आप देश की तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी बन गई।”
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा को लगता है कि दिल्ली आप की प्रयोगशाला है, जहां उपयोगी नए आविष्कार होते रहते हैं। उन्हें लगता है कि अगर दिल्ली की फैक्ट्री बंद नहीं हुई तो वह दिन दूर नहीं जब आप केंद्र में अपनी सरकार बना लेगी। इसलिए पहले भाजपा ने दिल्ली में काम रोकने के लिए एलजी को नियुक्त किया लेकिन काम नहीं रुका। फिर हमारे स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह को जेल में डाल दिया गया, लेकिन दिल्ली में काम नहीं रुका।
आप के वरिष्ठ नेता ने कहा, “जब भाजपा की सारी चालें विफल हो गईं, तो उन्होंने अरविंद केजरीवाल को जेल में डाल दिया। क्योंकि जब तक वह बाहर हैं, तब तक दिल्ली में काम नहीं रुक सकता। इसके बाद भी दिल्ली में काम नहीं रुके। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा मांगा और कहा कि जेल से सरकार नहीं चल सकती।”
आप दिल्ली प्रदेश संयोजक ने कहा, “भारत के इतिहास में पहली बार भाजपा ने एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया और तानाशाही का परिचय दिया। अरविंद केजरीवाल ने यह भी साबित कर दिया कि जेल से भी सरकार चल सकती है। भाजपा सोच रही थी कि जैसे उन्होंने दूसरे राज्यों में सरकारें तोड़कर अपनी सरकार बनाई, वैसे ही दिल्ली की सरकार को भी उखाड़कर फेंक देंगे।”
उन्होंने कहा, “बीजेपी के पास सत्ता है, ईडी-सीबीआई और पैसा है जबकि अरविंद केजरीवाल के पास दिल्लीवासियों के आशीर्वाद की ताकत है। उन्हीं आशीर्वादों की ताकत से उन्होंने पहले भी बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ी, आज भी लड़ रहे हैं और कल भी लड़ेंगे।”
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा ने उन पर सत्ता का लालची होने का आरोप लगाया, लेकिन अरविंद केजरीवाल में जेल से भी इस्तीफा देने की हिम्मत थी। उन्होंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया, क्योंकि दिल्ली वालों का आदेश था कि जेल में रहते हुए इस्तीफा नहीं देना चाहिए। अगर वह जेल से इस्तीफा देते तो भाजपा पूरे देश में संदेश देती कि जिस तरह से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को जेल में डाला गया, इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया। इसी तरह पूरे देश के गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला जा सकता है और उनसे इस्तीफा मांगा जा सकता है। अरविंद केजरीवाल ने नया इतिहास रच दिया कि हम भाजपा के दबाव में काम नहीं करते। जेल से बाहर आने के बाद भी भाजपा ने उनसे इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया और उन्होंने इस्तीफा दे दिया, लेकिन उन्हें लगा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
गोपाल राय ने कहा, “अरविंद केजरीवाल दुनिया के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो जनता के बीच खड़े होकर यह कहने का साहस रखते हैं कि अगर मैं ईमानदार हूं, तभी मुझे वोट दें और अगर मैं ईमानदार नहीं हूं, तो मुझे वोट न दें। उन्होंने घोषणा की कि अब वे जनता की अदालत में जाएंगे। जब तक दिल्ली की जनता अपने समर्थन और भारी बहुमत से यह घोषित नहीं कर देती कि वे ईमानदार हैं, तब तक वे दिल्ली के सीएम की कुर्सी को नहीं छूएंगे। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी आवास समेत सभी सरकारी सुविधाएं छोड़ने की घोषणा की। अरविंद केजरीवाल अभिमन्यु नहीं, अर्जुन हैं। वे भाजपा के सभी चक्रव्यूह को तोड़ना जानते हैं।”
गोपाल राय ने संभाग प्रभारियों से कहा कि अब यह लड़ाई आमने-सामने की है। हमारे सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को रणक्षेत्र की कमान संभालनी है। अब कमर कसने का समय आ गया है। हर संभाग में लड़ाई होगी और भाजपा को इस बार एक भी सीट नहीं जीतने देनी है।
उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल ने पिछले 2 सालों में भाजपा की सभी साजिशों को नाकाम कर दिया है और अब आमने-सामने की लड़ाई है। अगर अरविंद केजरीवाल को भारी बहुमत से मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो देश का सम्मान बढ़ेगा और साजिश करने वालों का सम्मान खत्म होगा। इसलिए सभी पदाधिकारियों को अरविंद केजरीवाल बनना होगा। 22 सितंबर को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत लगेगी, जिसे अरविंद केजरीवाल संबोधित करेंगे।”





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