मणिपुर हिंसा: हिंसा का त्याग करें, बातचीत के जरिए स्थायी शांति पाएं: किरेन रिजिजू


केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू 21 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में सातवें पूर्वोत्तर छात्र महोत्सव को संबोधित करते हुए। | फोटो साभार: पीटीआई

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार (21 सितंबर, 2024) को जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोगों से हथियार छोड़कर राज्य में शांति के लिए स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत की मेज पर आने का अनुरोध किया।

गैर सरकारी संगठन “माई होम इंडिया” द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर छात्र महोत्सव को संबोधित करते हुए श्री रिजिजू ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व विकास हो रहा है, जो क्षेत्र के लोगों को एक सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है।

उन्होंने कहा, “मैं कुकी और मैतेई समुदाय के भाइयों और बहनों से आग्रह करता हूं कि भारत सरकार हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार है, लेकिन आपको हथियार छोड़ने होंगे। अगर आप हथियार उठाएंगे तो कोई समाधान नहीं हो सकता।”

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, “कोई भी समाधान केवल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है। चाहे कुछ भी हो जाए, आप एक-दूसरे से नहीं लड़ सकते। अगर आप एक-दूसरे से बात करेंगे, बातचीत की मेज पर आएंगे, तभी हम स्थायी शांति पा सकते हैं।”

पिछले वर्ष 3 मई से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है, जब बहुसंख्यक मीतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पूर्वोत्तर राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था।

जारी हिंसा में कुकी और मीतेई समुदायों के सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों सहित 220 से अधिक लोग मारे गए हैं।

श्री रिजिजू ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है।

उन्होंने कहा, “यह हम सभी के लिए एक सुनहरा अवसर है। ऐसे समय में मणिपुर के लोगों को हिंसा छोड़नी होगी और बातचीत के जरिए समाधान खोजने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।”



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