बालाघाट (मध्य प्रदेश): कलेक्टर मृणाल मीना ने सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज शिकायतों का निपटारा करने में विफल रहने पर दो उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) सहित आठ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, मीना समीक्षा करते हैं कि सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज की गई कितनी शिकायतों का अधिकारियों द्वारा निपटारा किया गया है। वह अधिकारियों को निर्धारित समय के भीतर शिकायतों का निपटारा करने के निर्देश देते हैं। लेकिन जब अधिकारी समस्याओं का समाधान करने में विफल रहे, तो उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई की।
बालाघाट के एसडीएम गोपाल सोनी और वारासिवनी के एसडीएम आरआर पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह पशुपालन विभाग के उपसंचालक प्रदीप कुमार अतुलकर, जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी उपाध्याय, जिला परियोजना अधिकारी महेश शर्मा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी ज्योति बघेल, जिला परियोजना अधिकारी बलवंत राहंगडाले और जिला परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाले को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
220 मामले सुनवाई के लिए आये
कलेक्टर मृणाल मीना ने मंगलवार को जनसुनवाई में 220 शिकायतों की जांच की। इनमें से अधिकांश शिकायतें प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित थीं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7,000 मकान बनाने का नया लक्ष्य तय किया है। मीना ने लांजी, वारासिवनी और किरनापुर में राजस्व प्रकरणों की प्रगति का फीडबैक लिया। मीना ने तहसीलदार को खैरलांजी में एक प्रकरण फिर से खोलकर उसकी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
तहसीलदार ने बताया कि मामला 2020-21 का है, लेकिन विभाग के आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज नहीं होने से इसका निराकरण नहीं हो सका। मामला रेणुका चंदनलाल की संपत्तियों के नामांतरण से जुड़ा है। जनसुनवाई में वारासिवनी की अवंती नगर कॉलोनी की शिकायत आई। इस पर कलेक्टर मीना ने एसडीएम आरआर पांडे से शिकायत पर फीडबैक लिया। कलेक्टर ने उन्हें मामले की जांच करने और जरूरत पड़ने पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जनसुनवाई में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
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