फ़ोटो क्रेडिट: सोशल मीडिया
नई दिल्ली: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा, जिनके छठ भक्ति गीत त्योहार की परंपराओं का अभिन्न अंग बन गए थे, का मंगलवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, 72 वर्षीय सिन्हा का निधन सेप्टीसीमिया की जटिलताओं के कारण रात करीब 9.20 बजे हुआ। उनका निधन इस साल की छठ पूजा के पहले दिन हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे “संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति” बताया। एक्स पर एक संदेश में उन्होंने मैथिली और भोजपुरी में अपने गीतों के लिए सिन्हा की अपार लोकप्रियता का उल्लेख किया।
बिहार और झारखंड से शोक संवेदनाएँ आईं, जहाँ सिन्हा को उनके प्रशंसक प्यार से ‘बिहार कोकिला’ कहते थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन को “दिल तोड़ने वाला” बताया और कहा, “वह एक आइकन थीं…उनके निधन से एक शून्य पैदा हुआ है, जो हमेशा रहेगा। मैं प्रार्थना करता हूँ कि भगवान उनके परिवार को इस दुखद क्षण को सहने की शक्ति दे। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने लिखा, “बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। उन्होंने अपनी मधुर आवाज से मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका और मगही संगीत को एक अलग पहचान दी। उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी कई गीत गाए।” “उनके द्वारा गाए गए छठ गीतों ने काफी प्रसिद्धि पाई। बिहार कोकिला के निधन से संस्कृति, खासकर संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ओम शांति।”
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने उनके निधन को बिहार की लोक संस्कृति के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया। उन्होंने कहा, “छठ का महापर्व उनके द्वारा गाए गए गीतों के बिना अधूरा लगता है। इस दुख की घड़ी में पूरा बिहार उनके परिवार के साथ खड़ा है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि सिन्हा हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी। उन्होंने कहा, “उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं…उनकी मधुर आवाज हमेशा जिंदा रहेगी। उनके गीतों ने बिहार के लोगों को अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़ा हुआ महसूस कराया। वह छठ का पर्याय थीं।”
राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके शुभचिंतकों और परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति और धैर्य प्रदान करें। उनकी मधुर आवाज हमेशा जिंदा रहेगी। उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।”
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनके निधन को “एक युग का अंत” बताया। उन्होंने कहा, “यह संयोग है कि छठ पूजा के दौरान उनके द्वारा गाए गए छठ गीत हर गली-मोहल्ले और चौराहे पर सुनाई दे रहे हैं, ऐसे समय में उन्होंने अंतिम सांस ली। छठी मैया उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार और प्रशंसकों को यह दुख सहने की शक्ति दें।”
झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सिन्हा का भारतीय लोक संगीत पर गहरा प्रभाव था। गंगवार ने लिखा, “पद्म भूषण लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर बेहद दुखद है। उनके निधन से भारतीय लोक संगीत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। उनका योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा।”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “छठ और अन्य त्योहारों को अपनी आवाज से जीवंत करने वाली स्वर कोकिला शारदा सिन्हा जी के निधन की दुखद खबर मिली। स्वर्गीय शारदा जी महिला सशक्तिकरण की एक बेहतरीन मिसाल थीं। उनका जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।”
ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास ने 2002 में सिन्हा की प्रस्तुति को याद करते हुए कहा, “उनके गीतों में भक्ति, आस्था और लोक संस्कृति का सार बेजोड़ है। उनकी सादगी और उनके गीतों की मिठास मेरी यादों में ताजा है। उनके निधन से संगीत और समाज की दुनिया को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।” Source link
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