नई दिल्ली, 22 नवंबर (केएनएन) मेरकॉम कैपिटल की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अपने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर हासिल किया है, जनवरी और सितंबर 2024 के बीच 16.4 गीगावाट (जीडब्ल्यू) सौर क्षमता स्थापित की है, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में 167 प्रतिशत की वृद्धि है।
पर्याप्त वृद्धि का श्रेय पहले से विलंबित परियोजनाओं के पूरा होने को दिया जाता है, अकेले तीसरी तिमाही में साल-दर-साल 78 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई क्योंकि 2023 की इसी अवधि में इंस्टॉलेशन 2 गीगावॉट से बढ़कर 3.5 गीगावॉट हो गया।
सितंबर 2024 तक देश की संचयी सौर स्थापनाएं 89.1 गीगावॉट तक पहुंच गईं, जिसमें कुल स्थापनाओं में 86 प्रतिशत पर उपयोगिता-स्तरीय परियोजनाओं का प्रभुत्व था, जबकि छत पर सौर स्थापनाओं का योगदान शेष 14 प्रतिशत था।
सौर ऊर्जा अब भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता का लगभग 20 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करती है और देश के नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में 44 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है।
राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक बड़े पैमाने पर सौर प्रतिष्ठानों में अग्रणी राज्यों के रूप में उभरे हैं, जो भारत के सौर बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्रीय वितरण को उजागर करते हैं।
इस क्षेत्र में निविदा घोषणाओं में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है, 2024 के पहले नौ महीनों में 57.6 गीगावॉट निविदाएं जारी की गईं, जो 2023 में इसी अवधि के दौरान घोषित 41.1 गीगावॉट से 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
अकेले 2024 की तीसरी तिमाही में 16.2 गीगावॉट नए टेंडर देखे गए, जो 2023 की तीसरी तिमाही में घोषित 13.6 गीगावॉट की तुलना में 19 प्रतिशत की वृद्धि है।
ये निष्कर्ष मेरकॉम कैपिटल के ‘इंडिया सोलर मार्केट अपडेट’ में रिपोर्ट किए गए थे, जो ऊर्जा भंडारण, स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकी और सौर ऊर्जा बाजार खुफिया में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाने वाली शोध फर्म द्वारा लिखी गई थी।
(केएनएन ब्यूरो)
इसे शेयर करें: