कसरावद (मध्य प्रदेश): सिंघाचौरी क्षेत्र के किसान पिछले तीन वर्षों से लगातार वोल्टेज की समस्या से परेशान होकर अपनी निराशा व्यक्त कर रहे थे।
किसानों और उपभोक्ताओं के लिए बिजली सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकारी पहल के बावजूद, बिजली विभाग उनकी चिंताओं के प्रति अनुत्तरदायी प्रतीत होता है। लगभग दो दर्जन किसानों के एक समूह ने अपर्याप्त वोल्टेज के कारण महत्वपूर्ण चुनौतियों की सूचना दी है, जिससे उनकी फसलों की सिंचाई करने की क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
वर्तमान में रबी फसल की बुआई चल रही है, ऐसे में विश्वसनीय बिजली की मांग महत्वपूर्ण है। किसानों का दावा है कि वे पीपलगांव फीडर के अंतर्गत 63 केवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर से जुड़े हैं। डबल कनेक्शन के कारण ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो गया है।
तीन साल से किसान बार-बार ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। किसान दीपक पाटीदार, रीतेश पाटीदार और अन्य ने सामूहिक रूप से कहा कि वे बार-बार बिजली विभाग में जाकर वोल्टेज बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों ने उनके आवेदन तो ले लिए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
किसान या तो नया ट्रांसफार्मर या मौजूदा क्षमता से दोगुना ट्रांसफार्मर लगाने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह यादव ने चुनावी मौसम के दौरान केवल किसानों को प्राथमिकता देने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की आलोचना की और बिजली अधिकारियों से इन गंभीर मुद्दों को तुरंत हल करने का आग्रह किया।
कार्यकारी अभियंता राजेश माहौर तक पहुंचने का प्रयास अनुत्तरित रहा। कनिष्ठ यंत्री धनसिंह खांडेकर ने किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया।
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