आदिवासी

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लघु वन उत्पादों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य देश भर में लागू

नई दिल्लीः भारत सरकार ने लघु वन उत्पादों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य का समस्त देश में कार्यान्वयन करने का फैसला लिया है। दरअसल लघु वन उत्पादों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलवाने की इस योजना पर पहले से ही 9 राज्यों में अमल हो रहा था, जिसे अब समस्त देश के लिए कर दिया गया है। निःसंदेह इस से आदिवासी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा निर्गत एक प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि, शुरूआती दौर में यह सुविधा केवल 24 लघु वन उत्पादों के लिये ही उपलब्ध कराये जायेंगे। लेकिन इस संख्या को क्रमबद्ध ढंग से बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। गौर तलब है कि, लघु वन उत्पाद आदिवासी अथवा वन आधारित अर्थव्यवस्था में अहम् भूमिका निभाते हैं, क्योंकि यही उनके जीविकापार्जन का प्रमुख साधन होता है। किन्तु बाज़ार आधारित मूल्यों में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव से आदिवासी समुदाय पर प्रतिकूल प्...
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आदिवासियों द्वारा निर्मित लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री हेतु अमेज़न के साथ भारत सरकार ने किया क़रार

नई दिल्लीः भारत सरकार ने लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए दुनिया की जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न से एक क़रार किया है। दरअसल आज हर प्रकार के उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बेचे जा रहे हैं और देश में ऑनलाइन ख़रीदारी के बढ़ते हुए चलन को देखते हुए भारत सरकार ने भी लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मेसर्स अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ क़रार किया है।गौर तलब है कि बांस, केन, चारे, पत्ते,गोंद,मोम,रंग और नट्स, जंगली फल, शहद, लाख, तसर इत्यादि जैसे अनेक वनस्पति मूल के वे गैर-लकड़ी वन्य उत्पाद हैं, जो अभावग्रस्त आदिवासियों की जीविकापार्जन का साधन हैं तथा इन उत्पादों की बाज़ार में भी अच्छी खासी मांग भी है।यह क़रार भारत सरकार की ओर से Trifed ने किया है। Trifed अर्थात् भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ, जो जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत एक राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन ह...