भारत ने उद्योग सुधारों के साथ 2030 तक 500 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का लक्ष्य रखा है


नई दिल्ली, 19 सितम्बर (केएनएन) भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक साहसिक कदम उठाते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को घोषणा की कि सरकार और उद्योग के हितधारक 2030 तक 500 बिलियन अमरीकी डालर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र का लक्ष्य हासिल करने के उद्देश्य से कई सुधारों पर सहयोग कर रहे हैं।

यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप है, जिसमें अगले छह वर्षों में देश के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में महत्वपूर्ण विस्तार की परिकल्पना की गई है।

पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, वैष्णव ने लक्ष्य तक पहुंचने का विश्वास व्यक्त किया और मेहनती प्रयास और ठोस नीति कार्यान्वयन के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने कहा, “महत्वाकांक्षा चाहे जो भी हो, अगर कड़ी मेहनत और सही नीतियां अपनाई जाएं तो लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।” प्रस्तावित सुधारों से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण विकास की गति बढ़ने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और वित्त मंत्रालय के साथ बैठक करने की तैयारी कर रही है।

ये चर्चाएं टैरिफ युक्तिकरण, व्यापार करने में आसानी और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक समग्र सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होंगी।

आईसीईए के अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 115 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच जाएगा, जिसमें मोबाइल फोन का योगदान लगभग 52 बिलियन अमरीकी डॉलर होगा।

आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने बताया कि 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र को 20-22 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर हासिल करने की आवश्यकता है।

एप्पल इंडिया के प्रबंध निदेशक विराट भाटिया के अनुसार, यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य महज एक संख्या नहीं है, बल्कि यह भारत के वर्तमान औद्योगिक उत्पादन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 14 प्रतिशत है।

भाटिया ने लक्ष्य की विशालता को रेखांकित करते हुए कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करना या इसके निकट पहुंचना भारत के आर्थिक परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी होगा।

इन उपायों के अतिरिक्त, केंद्र सरकार घटक प्रोत्साहन योजना पर भी काम कर रही है, जिसका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना तथा मूल्य संवर्धन को बढ़ाना है।

वैष्णव ने उद्योग-विशिष्ट टास्कफोर्स के गठन का भी आह्वान किया है, ताकि ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जा सके, जहां अनुपालन और विनियमन को सुव्यवस्थित किया जा सके, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों पर बोझ कम करना है।

चूंकि सरकार और उद्योग इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट हो रहे हैं, इसलिए 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का मार्ग समन्वित प्रयासों और रणनीतिक सुधारों की मांग करेगा।

आने वाले महीने भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमताओं और वैश्विक बाजार में इसकी भूमिका के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे।

(केएनएन ब्यूरो)



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