नई दिल्ली, 28 सितंबर (केएनएन) यह विकास मार्च 2025 तक 35 गीगावाट (जीडब्ल्यू) सौर और पवन ऊर्जा को अपने राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप है। देश का व्यापक उद्देश्य अपनी गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता को प्रभावशाली 500 गीगावॉट तक बढ़ाना है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित निविदा विज्ञापन के अनुसार, एसजेवीएन अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम से जुड़ी परियोजनाओं से बिजली की मांग कर रहा है, जो देश भर में राज्य की सीमाओं पर बिजली वितरण की सुविधा प्रदान करता है।
हाल के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने अपने नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विस्तार में पर्याप्त प्रगति की है। चालू वित्तीय वर्ष (अप्रैल से अगस्त) के पहले पांच महीनों में, देश ने 10 गीगावॉट नवीकरणीय क्षमता जोड़ी, जिससे इसकी कुल क्षमता लगभग 153 गीगावॉट हो गई।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला ने संकेत दिया है कि बैटरी से जुड़ी भंडारण परियोजनाओं में वृद्धि का अनुमान है।
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की आंतरायिक प्रकृति को संबोधित करने और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भंडारण प्रौद्योगिकी पर यह ध्यान महत्वपूर्ण है।
यह निविदा स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर परिवर्तन और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के भारत के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है।
(केएनएन ब्यूरो)
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