नई दिल्ली, 20 सितम्बर (केएनएन) वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश के रेडीमेड गारमेंट (आरएमजी) निर्यात में अगस्त 2024 में 12% की मजबूत वृद्धि देखी गई, जो 1.26 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गई।
यह उल्लेखनीय वृद्धि महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों के बावजूद हुई है, जिसमें उच्च संभार-तंत्र लागत और लगातार भू-राजनीतिक संकट, जैसे कि लाल सागर में चल रही हलचलें शामिल हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अगस्त अवधि के लिए संचयी आरएमजी निर्यात 7.12% बढ़कर कुल 6.39 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा कि उद्योग ने बाहरी दबावों के बावजूद अपनी विकास गति बनाए रखी है।
सेखरी ने कहा, “पिछले पांच महीनों में औसतन 7.12% की वृद्धि के साथ, आरएमजी निर्यात ने व्यापारिक निर्यात में गिरावट की प्रवृत्ति को रोक दिया है, जो अगस्त में 13 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था।”
उन्होंने उत्पाद की गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित करने तथा पर्यावरण और सामाजिक अनुपालन मानकों का पालन करने के महत्व पर बल दिया, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे उद्योग को भविष्य में विस्तार की स्थिति प्राप्त होगी।
सेखरी ने कहा, “वैश्विक परिधान सोर्सिंग के पुनर्गठन के साथ, हम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। निर्यात योजनाओं के लिए दीर्घकालिक नीति समर्थन स्थिरता प्रदान करेगा और देश के परिधान निर्यात को और बढ़ावा देगा।”
एईपीसी ने सरकार को कई प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, जिनमें कपड़ा आयात में अधिक लचीलापन, क्षमता विस्तार के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) 2.0 की शुरूआत, तथा सभी निर्यातकों के लिए ब्याज समानीकरण योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिसमें ब्याज दर को बढ़ाकर 5% करने का प्रस्ताव है।
एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने आरएमजी निर्यात में सकारात्मक गति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हाल के महीनों में एक आशाजनक प्रवृत्ति देखी गई है, जिसमें जापान और कोरिया जैसे मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) साझेदारों ने अच्छे परिणाम दिए हैं।
ठाकुर ने कहा, “इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस और नॉर्वे जैसे बाजारों में निर्यात में भी वृद्धि हुई है।”
चूंकि वैश्विक परिधान उद्योग पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा है, इसलिए देश का आरएमजी क्षेत्र रणनीतिक नीति समर्थन और गुणवत्ता एवं अनुपालन पर अटूट ध्यान के कारण उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार दिखाई दे रहा है।
(केएनएन ब्यूरो)
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