सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने उद्यम सर्वेक्षण पर जागरूकता के लिए उद्योग संघों से सहयोग मांगा


नई दिल्ली, 13 सितम्बर (केएनएन) राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) सेवा क्षेत्र उद्यमों (एएसएसएसई) का वार्षिक सर्वेक्षण, आर्थिक जनगणना और निजी क्षेत्र पूंजीगत व्यय (सीएपीईएक्स) पर सर्वेक्षण करेगा।

इस संबंध में, एनएसएसओ उद्यम सर्वेक्षण के एक भाग के रूप में उद्योग/उद्यमों से डेटा संग्रहण को सुविधाजनक बनाने के लिए जागरूकता पैदा करने हेतु उद्योग संघों को शामिल करना चाहता है।

सम्मेलन में उद्यम-संबंधी पांच प्रमुख पहलों पर ध्यान केंद्रित किया गया: उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई), असंगठित क्षेत्र उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई), सेवा क्षेत्र उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसएसएसई), निजी क्षेत्र पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर एक अग्रगामी सर्वेक्षण, और आर्थिक जनगणना।

इन सर्वेक्षणों का उद्देश्य भारत के गैर-कृषि क्षेत्र का व्यापक दृष्टिकोण उपलब्ध कराना है, जो जीडीपी और जीएसडीपी आंकड़ों को संकलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रमुख निकायों के प्रतिनिधियों के साथ उद्योग जगत की भागीदारी मजबूत रही। उनकी भागीदारी ने डेटा संग्रह प्रयासों में सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।

सम्मेलन से कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए। उद्योग संघों ने विभिन्न सर्वेक्षणों में मेटाडेटा, परिभाषाओं और वर्गीकरण के सामंजस्य की आवश्यकता पर बल दिया।

उद्योग विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए सूक्ष्म स्तर पर उच्च आवृत्ति, उपयोगकर्ता-अनुकूल डेटा की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताया गया।

कार्यबल की बदलती गतिशीलता को प्रतिबिंबित करते हुए महिला उद्यमियों और देखभाल कर्मियों से संबंधित आंकड़े शामिल करने का सुझाव दिया गया।

प्रतिभागियों ने विभिन्न मंत्रालयों द्वारा तैयार किए गए डेटासेटों के बीच अंतराल को पाटने तथा विभिन्न उत्पाद एवं औद्योगिक वर्गीकरणों के साथ सामंजस्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की।

कैपेक्स सर्वेक्षण का उद्देश्य निजी क्षेत्र के निवेश पैटर्न पर नज़र रखना है, तथा नीति निर्माताओं और उद्योग विश्लेषकों को मूल्यवान जानकारी प्रदान करना है।

आगामी आर्थिक जनगणना में औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में प्रतिष्ठानों की व्यापक गणना की जाएगी, जिसमें आर्थिक गतिविधि और स्वामित्व पैटर्न जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों को शामिल किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में लगभग 170 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें लगभग 70 व्यावसायिक संघों के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जो सरकारी डेटा संग्रहण प्रयासों और उद्योग हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

कार्यक्रम में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग और एमएसएमई सचिव एससीएल दास समेत कई प्रमुख सरकारी अधिकारी मौजूद थे। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण, एनएसएसओ, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की महानिदेशक गीता सिंह राठौर ने डेटा अंतराल को दूर करने और अर्थव्यवस्था की बदलती प्रकृति को समझने में इन सर्वेक्षणों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।

यह ऐतिहासिक सम्मेलन सरकारी सांख्यिकीय निकायों और उद्योग हितधारकों के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रमुख चिंताओं को संबोधित करके और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया को शामिल करके, MoSPI का लक्ष्य भारत में आर्थिक डेटा संग्रह की गुणवत्ता और प्रासंगिकता को बढ़ाना है। इस सहयोगात्मक दृष्टिकोण से अधिक सूचित नीति-निर्माण और सतत आर्थिक विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

(केएनएन ब्यूरो)



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