सिद्धेश्वर स्वामी मंदिर के अभिषेक के दौरान तमिल भजन भी गाए जाएंगे, मानव संसाधन एवं सीई विभाग ने मद्रास हाईकोर्ट को आश्वासन दिया


मद्रास उच्च न्यायालय की फाइल फोटो | फोटो साभार: के. पिचुमानी

मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार (12 सितंबर, 2024) को तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग की दलील दर्ज की कि रविवार (15 सितंबर, 2024) को सेलम जिले के कंजामलाई में सिद्धेश्वर स्वामी मंदिर के अभिषेक के दौरान तमिल के साथ-साथ संस्कृत भजन और छंद भी गाए जाएंगे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डी. कृष्णकुमार और न्यायमूर्ति पीबी बालाजी की प्रथम खंडपीठ ने विशेष सरकारी वकील (एचआर एंड सीई) एनआरआर अरुण नटराजन द्वारा की गई दलीलों को दर्ज करने के बाद एक जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा कर दिया, जिसमें तमिल तिरुमरैगल और शैव मंथिरम के जाप पर जोर दिया गया था।

सलेम की जनहित याचिकाकर्ता एस. सत्यभामा का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके वकील बालन हरिदास ने शिकायत की कि तमिलनाडु में मंदिरों के प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान केवल संस्कृत के भजन और श्लोकों का पाठ किया जा रहा है, जबकि तमिल एक प्राचीन भाषा है और इसमें भगवान शिव की स्तुति में कई भजन और श्लोक हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि रविवार को होने वाले सिद्धेश्वर स्वामी मंदिर के अभिषेक के दौरान तमिल भजन गाए जाएं। याचिका का जवाब देते हुए श्री नटराजन ने खंडपीठ को आश्वासन दिया कि कुंभाभिषेक के दौरान संस्कृत के साथ-साथ तमिल भजन भी गाए जाएंगे।



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