25 सितंबर (बुधवार) को दोपहर करीब 2 बजे चालाकुडी के पास अलूर पंचायत के करूर में एक बेकरी उत्पादन इकाई में तरल अपशिष्ट निपटान के लिए स्थापित मलजल टैंक में उतरने के बाद दो श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई।
मृतकों की पहचान 52 वर्षीय सुनील कुमार और 45 वर्षीय जितेश के रूप में हुई है, जो त्रिशूर के रहने वाले हैं। 10×10 फीट चौड़ा और 8 फीट ऊंचा टैंक, जिसमें केवल एक मैनहोल था, अवरुद्ध हो गया, जिसके बाद जितेश ने कथित तौर पर इसे साफ करने के लिए स्वेच्छा से काम किया।
रिपोर्ट के अनुसार, टैंक में करीब चार फीट तरल कचरा था और ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत कम थी। जब जितेश टैंक से बाहर नहीं निकला, तो सुनील कुमार ने उसकी तलाश की और वह भी लापता हो गया।
चालकुडी फायर फोर्स के सूत्रों ने बताया, “आमतौर पर टैंक को सक्शन यूनिट की मदद से साफ किया जाता है। हालांकि, इस मामले में दो कर्मचारियों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के टैंक में घुसने दिया गया। जब हम दोपहर 2:25 बजे मौके पर पहुंचे, तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।”
अग्निशमन एवं बचाव अधिकारी संतोष कुमार ने सांस लेने के उपकरण पहनकर टैंक में प्रवेश किया और शवों को निकाला। चलाकुडी पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है।
जब पूछा गया कि क्या पीड़ितों को बिना सुरक्षा उपकरण के टैंक में प्रवेश करने की अनुमति देने में नियोक्ता की ओर से कोई लापरवाही हुई है, तो अलूर पंचायत के वार्ड 12 की सदस्य रेखा संतोष ने कहा कि इसमें कोई उल्लंघन शामिल नहीं था और श्रमिकों ने स्वेच्छा से कार्य किया था।
प्रकाशित – 26 सितंबर, 2024 01:30 पूर्वाह्न IST
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