वित्त मंत्रालय गैर-धोखाधड़ी वाले मामलों के लिए जीएसटी से संबंधित ब्याज और जुर्माना माफ करेगा


नई दिल्ली, 30 सितंबर (केएनएन) वित्त मंत्रालय ने 1 नवंबर, 2024 से बहुप्रतीक्षित धारा 128ए सहित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के कई प्रमुख प्रावधानों को लागू करने की घोषणा की है।

यह विकास बजट 2024 में उल्लिखित व्यापक वित्तीय सुधारों के हिस्से के रूप में आता है।

धारा 128ए, एक नया शुरू किया गया प्रावधान, जीएसटी-पंजीकृत व्यक्तियों और कंपनियों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है।

यह उपाय एक सशर्त छूट योजना पेश करता है जो वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक संबंधित विशिष्ट गैर-धोखाधड़ी वाले जीएसटी मांग नोटिस पर ब्याज और दंड की पूरी छूट की अनुमति देता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हालांकि यह योजना ब्याज और जुर्माने की छूट प्रदान करती है, लेकिन अंतर्निहित कर मांग देय रहती है।

27 सितंबर, 2024 को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कार्यान्वयन की समयसीमा विस्तृत की गई थी।

अधिसूचना में कहा गया है कि, वित्त (नंबर 2) अधिनियम, 2024 की धारा 1 की उप-धारा (2) के खंड (बी) द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख निर्धारित करती है। अधिनियम की धारा 118, 142, 148, और 150 के प्रावधानों के लागू होने की प्रभावी तिथि के रूप में आधिकारिक राजपत्र।

इसके अतिरिक्त, यह निर्दिष्ट करता है कि अधिनियम की धारा 114 से 117, 119 से 141, 143 से 147, 149 और 151 से 157 के प्रावधान 1 नवंबर, 2024 से लागू होंगे।

बजट 2024 का व्याख्यात्मक ज्ञापन स्पष्ट करता है कि धारा 128ए कुछ कर अवधियों के लिए धारा 73 के तहत उठाई गई मांगों से संबंधित ब्याज या जुर्माना या दोनों की छूट प्रदान करती है। धारा 73 विशेष रूप से गैर-धोखाधड़ी वाले जीएसटी मांग नोटिस को संबोधित करती है।

इस कदम से सरकार के लिए कर संग्रह प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।

(केएनएन ब्यूरो)



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