नई दिल्ली, 25 नवंबर (केएनएन) औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम में, गुजरात सरकार ने एक व्यापक कौशल विकास पहल शुरू की है।
कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यबल प्रशिक्षण को आधुनिक बनाना, इसे राज्य की गतिशील औद्योगिक आवश्यकताओं और उभरते वैश्विक रुझानों के साथ जोड़ना है।
इस पहल के केंद्र में नव स्थापित क्षेत्र-विशिष्ट कौशल परिषदें हैं जिन्हें उद्योग की मांगों के अनुरूप विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन करने का काम सौंपा गया है।
ये परिषदें उद्योग विशेषज्ञों, शैक्षणिक संस्थानों और एंकर भागीदारों के साथ सहयोग करेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाठ्यक्रम अत्याधुनिक तकनीक और बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
फोकस क्षेत्रों में कपड़ा, रसायन और निर्माण जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और अर्धचालक जैसे उभरते क्षेत्र शामिल हैं।
बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए, सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण केंद्रों के साथ उन्नत करने की योजना बना रही है।
ये सुविधाएं छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए उन्नत मशीनरी से सुसज्जित होंगी।
पाठ्यक्रम में डिजिटल साक्षरता, कार्यस्थल सुरक्षा और सॉफ्ट स्किल जैसे आवश्यक कौशल के साथ-साथ उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों, जैसे स्वचालन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल विनिर्माण पर मॉड्यूल शामिल होंगे।
सेमीकंडक्टर उद्योग इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण है, जो उच्च तकनीक विनिर्माण का केंद्र बनने की गुजरात की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।
राज्य में अब प्रमुख सेमीकंडक्टर सुविधाएं चालू होने के साथ, यह पहल प्रशिक्षित पेशेवरों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए कौशल विकास पर जोर देती है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रमाणन मानकों को पेश करेगी। परिषदें गुणवत्ता सुनिश्चित करने और रोजगार परिणामों पर नज़र रखने के लिए कठोर मूल्यांकन और प्रमाणन प्रक्रियाओं को लागू करेंगी, जिससे निरंतर सुधार संभव होगा।
यह कार्यक्रम व्यावसायिक कौशल को पाठ्यक्रम में एकीकृत करके, स्व-रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देकर उद्यमिता को भी बढ़ावा देता है।
जिला-स्तरीय संघों के सहयोग से स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ क्षेत्रीय औद्योगिक समूहों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
एक मजबूत कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर, इस पहल का उद्देश्य गुजरात के युवाओं के लिए रोजगार क्षमता बढ़ाना, उद्योगों को सशक्त बनाना और राज्य को औद्योगिक नवाचार में अग्रणी के रूप में स्थापित करना है।
(केएनएन ब्यूरो)
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