©Hari Prasad Nadig |
बेंगलुरू। दक्षिण भारत की मशहूर पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। गौर तलब है कि, गौरी लंकेश की कल अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई थी । उनका अंतिम संस्कार लिंगायत समुदाय के रीति-रिवाजों के अनुसार बेंगलुरू के चामराजपेट के एक कब्रिस्तान में किया गया जहाँ उनके पार्थिव शरीर को दफनाया गया।
गौरी लंकेश कन्नड़ पत्रिका लंकेश पत्रिके की संपादक थीं। गौरी लंकेश एक निडर और साहसी महिला थीं। उनके हत्या को देश के निर्भीक आवाज़ को दबाने की एक साज़िश के तौर पर देखा जा रहा है। गौरी लंकेश की नृशंस हत्या से पूरा देश स्तब्ध रह गया था। देश के पत्रकारों, लेखकों, विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ साथ देश के प्रबुद्ध नागरिकों ने एक सुर में उनकी हत्या की निंदा की है। वहीं, अमेरिका ने भी इस हत्याकांड को प्रेस की आजादी के लिए ख़तरा बताया है। उनकी हत्या पर अमेरिका ने भी चिंता ज़ाहिर किया है। आज नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से एक बयान जारी कर के इस हत्या को प्रेस की आज़ादी पर हमला क़रार देते हुए इसे निंदनीय बताया गया है।
राज्य सरकार ने उनके क़ातिलों को पकड़ने के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है।
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