1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होने के लिए नई MSME परिभाषा


नई दिल्ली, 22 मार्च (केएनएन) माइक्रो, छोटे और मध्यम उद्यमों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें भारत में एमएसएमई वर्गीकरण को परिभाषित करने वाले वित्तीय थ्रेसहोल्ड में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गई है।

21 मार्च, 2025 को प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, ये संशोधन 1 अप्रैल, 2025 को लागू होंगे।

अधिसूचना (इसलिए 1364 (ई)) जून 2020 में स्थापित पिछले वर्गीकरण मानदंडों को संशोधित करती है। नए दिशानिर्देशों के तहत, ‘एक करोड़’ सीमा को ‘दो करोड़ और पचास लाख’ के साथ बदल दिया जाएगा, जबकि “पांच करोड़” सीमा ‘दस करोड़’ हो जाएगी।

इसी तरह, ‘टेन करोड़’ को ‘पच्चीस करोड़’, और ‘फिफ्टी करोड़’ ‘तक बढ़ा दिया जाएगा।

आगे के समायोजन में मूल अधिसूचना के संबंधित वर्गों में ‘पचास करोड़’ को ‘एक सौ पच्चीस करोड़’ और ‘दो सौ और पचास करोड़’ को ‘पांच सौ करोड़’ में बदलना शामिल है।

ये संशोधन केंद्र सरकार द्वारा सलाहकार समिति से सिफारिशें प्राप्त करने के बाद किए गए थे, जो सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 की धारा 7 के तहत प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग किया गया था।

अधिसूचना पर अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त डॉ। रजनीश ने हस्ताक्षर किए हैं।

इन थ्रेसहोल्ड को संशोधित करने के सरकार के फैसले का उद्देश्य मुद्रास्फीति को समायोजित करना और आर्थिक परिस्थितियों को बदलना है, संभवतः अधिक व्यवसायों को MSME लाभ और समर्थन कार्यक्रमों के लिए अर्हता प्राप्त करने की अनुमति देता है।

(केएनएन ब्यूरो)



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