बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी से पिछले 5 साल की निरीक्षण रिपोर्ट मांगी
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को बीएमसी को निर्देश दिया कि वह पिछले पांच सालों में उसके द्वारा संचालित 13 नर्सिंग होम में किए गए निरीक्षणों की संख्या के बारे में जानकारी दे। कोर्ट ने कथित लापरवाही के लिए डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण भी मांगा है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसके नवजात शिशु और पत्नी की 29 अप्रैल को भांडुप स्थित सुषमा स्वराज मैटरनिटी होम में अस्पताल के अधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण मौत हो गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिजली गुल होने के कारण मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट का उपयोग करके सर्वेक्षण किया गया था। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने टिप्पणी की कि अगर बीएमसी ने अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन किया होता तो यह घटना टाल...