नई दिल्ली, 14 सितम्बर (केएनएन) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने कृषि निर्यात बढ़ाने तथा किसानों की आय में सुधार लाने के उद्देश्य से अनेक नीतिगत बदलावों की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक बयान में इन उपायों की विस्तृत जानकारी दी।
सरकार ने कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
इनमें प्याज और बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटाना, प्याज पर निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करना तथा कच्चे और परिष्कृत वनस्पति तेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि शामिल है।
शाह के अनुसार, प्याज पर एमईपी हटाने और निर्यात शुल्क में कमी से प्याज के निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है।
इस कदम का उद्देश्य प्याज किसानों की आय में संभावित वृद्धि करके उन्हें लाभ पहुंचाना है।
इसी प्रकार, बासमती चावल पर एमईपी को समाप्त करने का उद्देश्य इस विशेष अनाज के उत्पादकों को निर्यात के माध्यम से अपने लाभ को बढ़ाने की अनुमति देना है।
एक अलग लेकिन संबंधित उपाय में, सरकार ने कच्चे पाम, सोया और सूरजमुखी तेलों पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया है, तथा इनके परिष्कृत रूपों पर आयात शुल्क 13.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 35.75 प्रतिशत कर दिया है।
शाह ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य घरेलू सोयाबीन किसानों को उनकी फसल के लिए मिलने वाले मूल्यों में सुधार लाकर उन्हें समर्थन प्रदान करना है।
ये नीतिगत समायोजन कृषि उत्पादों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने और किसानों के लिए संभावित लाभ को अधिकतम करने के सरकार के घोषित लक्ष्य को दर्शाते हैं।
किसानों की आय और कृषि क्षेत्र पर इन परिवर्तनों का दीर्घकालिक प्रभाव अभी देखा जाना बाकी है।
(केएनएन ब्यूरो)
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