नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (केएनएन) स्वास्थ्य देखभाल सामर्थ्य में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, भारत सरकार ने हाल ही में सीमा शुल्क छूट और जीएसटी कटौती के बाद दवा कंपनियों को तीन महत्वपूर्ण कैंसर-विरोधी दवाओं की कीमतें कम करने का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने एक औपचारिक ज्ञापन जारी किया है जिसमें निर्माताओं को ट्रैस्टुज़ुमैब, ओसिमर्टिनिब और ड्यूरवालुमैब के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को कम करने की आवश्यकता है।
यह निर्देश केंद्रीय बजट 2024-25 प्रावधानों के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में आया है, जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन दवाओं पर पिछले 10 प्रतिशत सीमा शुल्क को खत्म करने की घोषणा की थी।
राजस्व विभाग ने 23 जुलाई की एक अधिसूचना के माध्यम से पहले ही शुल्क कटौती को शून्य कर दिया है।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन कर कटौती का लाभ कम बाजार कीमतों के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं को दिया जाए।
अनुपालन को लागू करने के लिए, फार्मास्युटिकल कंपनियों को डीलरों और राज्य दवा नियंत्रकों को अद्यतन मूल्य सूची जारी करने की आवश्यकता होती है, जबकि एनपीपीए को मूल्य समायोजन के बारे में विस्तृत जानकारी भी जमा करनी होती है।
यह नीति परिवर्तन आवश्यक दवाओं को जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने, विशेष रूप से जीवन रक्षक कैंसर उपचार पर ध्यान केंद्रित करने की सरकार की चल रही प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस पहल से देश भर में कैंसर रोगियों और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ काफी कम होने की उम्मीद है।
(केएनएन ब्यूरो)
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