नई दिल्ली, 8 नवंबर (केएनएन) भारत सरकार ने बड़े निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 की धारा 9 के तहत की गई घोषणा, 31 मार्च, 2025 तक अनुपालन के लिए एक स्पष्ट समय सीमा निर्धारित करती है।
नई आवश्यकताओं के तहत, दो श्रेणियों की संस्थाओं को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत TReDS प्लेटफार्मों में शामिल होना होगा।
इनमें कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत कंपनियां शामिल हैं, जिनका वार्षिक कारोबार रुपये से अधिक है। 250 करोड़, साथ ही सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई)।
यह नियामक कदम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की पिछली अधिसूचनाओं को हटा देता है, जो वित्तीय लेनदेन को सुव्यवस्थित करने और आपूर्ति श्रृंखला में छोटे उद्यमों के लिए तरलता पहुंच में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
TReDS प्लेटफ़ॉर्म कई फाइनेंसरों के माध्यम से कॉर्पोरेट खरीदारों से एमएसएमई के व्यापार प्राप्तियों के वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करता है।
(केएनएन ब्यूरो)
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