
नई दिल्ली, 17 जनवरी (केएनएन) केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एक ऐसे कदम में, जिसने स्वास्थ्य सेवा उद्योग में हलचल मचा दी है, एक समर्पित नियामक ढांचा लागू होने तक भारत में पूर्व-स्वामित्व वाले और नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर रोक लगाने की घोषणा की है।
चिकित्सा उपकरण विनियमन पर भारतीय उद्योग परिसंघ के साथ एक संयुक्त कार्यशाला के दौरान सामने आया यह निर्णय, रोगी सुरक्षा और अनुपालन अंतराल के बारे में बढ़ती चिंताओं को रेखांकित करता है।
उप औषधि नियंत्रक (भारत) असीम साहू ने पुष्टि की कि बंदरगाहों पर पाए गए नवीनीकृत उपकरणों की खेप वापस कर दी जाएगी, उन्होंने ऐसे आयात के लिए चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 के तहत नियमों की अनुपस्थिति पर जोर दिया।
सीमा शुल्क अधिकारियों को 10 जनवरी को लिखे एक पत्र में स्पष्ट किया गया कि इन उपकरणों के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा, जिससे भारत में उनकी बिक्री और वितरण प्रभावी रूप से निलंबित हो जाएगा।
इस कदम ने उद्योग जगत को परेशान कर दिया है। 1,500 करोड़ रुपये मूल्य का, नवीनीकृत चिकित्सा उपकरण बाजार भारत के चिकित्सा उपकरण उद्योग का 10 प्रतिशत हिस्सा है, जो टियर- II से टियर- IV शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करता है।
उद्योग विशेषज्ञों और हितधारकों ने इस निर्णय के कारण होने वाले व्यवधान के बारे में चिंता व्यक्त की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय इन नियामक कमियों को दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति बनाने पर काम कर रहा है। मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MTaI) ने नीतिगत ढांचे में तेजी नहीं लाने पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और कार्यबल को संभावित “अपरिवर्तनीय क्षति” की चेतावनी दी है।
एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (एआईएमईडी) के समन्वयक राजीव नाथ ने मरीज की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए निलंबन का स्वागत किया। उन्होंने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 के साथ तालमेल का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
पर्यावरण मंत्रालय के खतरनाक अपशिष्ट नियमों में 2023 के संशोधन के तहत नवीनीकृत उपकरणों के आयात की अनुमति दी गई थी, लेकिन रोगी सुरक्षा चिंताओं ने पुनर्मूल्यांकन को प्रेरित किया है।
जैसा कि उद्योग स्पष्टता का इंतजार कर रहा है, हितधारक सरकार से भारत की बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे की बढ़ती जरूरतों के साथ सुरक्षा चिंताओं को संतुलित करने का आग्रह कर रहे हैं।
(केएनएन ब्यूरो)
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