
पुणे, 25 फरवरी (केएनएन) भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने पुणे में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग तकनीक पर अपनी पहली संयुक्त कार्यशाला की मेजबानी की।
ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजीज पर इंडिया-ईयू ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल (टीटीसी) वर्किंग ग्रुप 2 के तहत आयोजित, कार्यशाला ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रो-गतिशीलता में बढ़ती रणनीतिक साझेदारी पर प्रकाश डाला।
प्रमुख नीति निर्माताओं, उद्योग के नेताओं, मानकीकरण विशेषज्ञों और तकनीकी परीक्षण अधिकारियों को एक साथ लाना, घटना ईवी चार्जिंग मानकों के सामंजस्य और सहयोगी अनुसंधान को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी।
कार्यशाला को ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) और यूरोपीय आयोग के संयुक्त अनुसंधान केंद्र (JRC) द्वारा सह-आयोजित किया गया था, जिसमें भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय से समर्थन मिला था।
कार्यशाला ने दोनों क्षेत्रों के लिए टिकाऊ गतिशीलता में ईवी चार्जिंग प्रोटोकॉल, बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं, संचार इंटरऑपरेबिलिटी और भविष्य के रणनीतिक दिशाओं के मानकीकरण जैसे प्रमुख विषयों की खोज की।
पैनल चर्चाओं ने भारत-यूरोपीय संघ के सहयोग को गहरा करने पर ईवी सिस्टम परीक्षण क्षमताओं और उद्योग के दृष्टिकोण को भी कवर किया।
एक उल्लेखनीय आकर्षण ARAI की उन्नत EV परीक्षण सुविधाओं की यात्रा थी, जो प्रतिभागियों को भारत के इलेक्ट्रो-मोबिलिटी नवाचारों में पहली बार अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
यह कार्यशाला टीटीसी के वर्किंग ग्रुप 2 के लिए एक मील का पत्थर है और 28 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली में आगामी 2 टीटीसी मंत्री की बैठक में एक प्रमुख उपलब्धि के रूप में चित्रित किया जाएगा।
फरवरी 2023 में स्थापित, भारत-ईयू टीटीसी व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक मंच के रूप में कार्य करता है।
प्रमुख उपस्थित लोगों में पीएसए के कार्यालय से मोनोरांजन मोहंती और हफ्सा अहमद, अराई से रेजी माथाई और अभिहित मुले, और भारतीय मानकों के ब्यूरो से नीतीश कुमार जैन शामिल थे। यूरोपीय आयोग के प्रतिभागी- लिलियाना पासिसिनिक, हैराल्ड शोलज़, डर्क ग्रोइन्मन, और साकी गेरासिस- वस्तुतः शामिल हुए।
इसमें रणनीतिक प्रौद्योगिकियों, हरित ऊर्जा, और लचीला मूल्य श्रृंखलाओं पर केंद्रित तीन कार्य समूह शामिल हैं, जो भारत और यूरोपीय संघ के बीच समृद्धि, स्थिरता और सतत विकास के साझा एजेंडे को चला रहे हैं।
(केएनएन ब्यूरो)
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