
नई दिल्ली, 11 जनवरी (केएनएन) भारत ने शुक्रवार को भारत क्लाइमेट फोरम लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य नीति, उद्योग, वित्त और अनुसंधान हितधारकों के बीच सहयोग के माध्यम से क्लीनटेक विनिर्माण में तेजी लाना है।
लॉन्च इवेंट में, केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का आत्मनिर्भर भारत अभियान देश की आर्थिक संप्रभुता और तकनीकी नेतृत्व की खोज का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने सफल सार्वजनिक-निजी भागीदारी के उदाहरण के रूप में देश के 4जी-5जी दूरसंचार बुनियादी ढांचे का हवाला दिया, जिसका क्लीनटेक क्षेत्र अनुकरण कर सकता है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पेरिस समझौते के तहत भारत के असाधारण प्रदर्शन पर प्रकाश डाला, यह देखते हुए कि देश ने अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले ही पार कर लिया है।
राष्ट्र ने 2030 की समय सीमा से पहले 45% नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। गोयल ने भारत के सफल आईटी क्षेत्र की तुलना करते हुए सरकारी समर्थन से अंततः स्वतंत्रता की वकालत करते हुए विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के महत्व पर जोर दिया।
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर एक समान दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए, विशेष रूप से वैश्विक व्यापार व्यवधानों और संरक्षणवादी नीतियों के आलोक में, प्रधान मंत्री के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय पर्यावरण परिषद की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
सिंह ने बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितताओं को संबोधित किया, जिसमें वैज्ञानिक सहमति के बारे में संदेह और यूरोपीय संघ के कार्बन सीमा समायोजन तंत्र जैसे उपायों से उत्पन्न चुनौतियां शामिल हैं।
भारत क्लाइमेट फोरम 2025 का प्राथमिक उद्देश्य भारत को स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है, जिसमें नेट-ज़ीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने और एक विकसित भारत के रूप में विकसित होने में आत्मनिर्भरता को इसका मूलभूत सिद्धांत बनाया गया है। फोरम के सदस्य सचिव अश्वनी महाजन ने विशेष रूप से वर्तमान वैश्विक जलवायु प्रौद्योगिकी बाजार की गतिशीलता को देखते हुए स्वदेशी जलवायु प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने की तात्कालिकता पर जोर दिया।
काउंसिल फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक अंडरस्टैंडिंग और डालबर्ग एडवाइजर्स द्वारा आयोजित इस पहल का उद्देश्य साझेदारी को बढ़ावा देना, निवेश बढ़ाना और देश के सतत विकास और आत्मनिर्भरता उद्देश्यों के अनुरूप नवाचार को बढ़ावा देकर भारत के क्लीनटेक विनिर्माण क्षेत्र को उत्प्रेरित करना है।
(केएनएन ब्यूरो)
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