नई शिक्षा नीति दिसंबर तक- हो सकता है शिक्षा का अधिकार अधिनियम में बदलाव

मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह
सोमवार को थिरूवनंतपुरम में भारतीय विचार केंद्र द्वारा
आयोजित राष्‍ट्रीय अकादमी सम्‍मेलन में विचार व्यक्त करते हुए
थिरूवनंतपुरम: भारत सरकार जल्द ही देश में नई शिक्षा नीति लागू करने जा रही है। भारत सरकार के केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने तिरूव्अनंतपुरम में सोमवार को राष्‍ट्रीय अकादमी सम्‍मेलनका उद्घाटन करते हुए कहा कि नयी शिक्षा नीति का काम अंतिम चरण में है और इसकी घोषणा दिसंबर तक कर दी जाएगी। डॉ. सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य औपनिवेशिक प्रभाव वाली शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन करना है। उनका मानना है कि, देश की आज़ादी के बाद अधिकांश शिक्षा विशेषज्ञों ने पश्चिमी शिक्षाविदों का अनुसरण करते हुए देश में ऐसी शिक्षा प्रणाली को चलने दिया, जिसमें भारतीय संस्कृति सदैव ही उपेक्षित रही।
 
उन्हों ने कहा कि इस समय उनकी सरकार के सामने भारतीय मानसिकता को औपनिवेशिक प्रभाव से मुक्त कराना सबसे बड़ी चुनौती है। डॉ. सिंह ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी परिवर्तन लाने को ज़रूरी बताते हुए कहा कि, प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार लाना भी एक चुनौती ही है। डॉ. सिंह ने कहा कि, राईट टू एजुकेशन एक्ट अर्थात् शिक्षा का अधिकार अधिनियम में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की व्‍यवस्‍था की गयी है, किन्तु अगर स्वयं माता-पिता अपने बच्‍चों को स्‍कूल नहीं भेजते हैं तो इसका हमारे पास क्‍या हल है? इसके साथ ही, उन्हों ने देश में ख़र्चीले और महंगे उच्‍च शिक्षा पर अपनी चिंता प्रकट करते हुए, उच्च शिक्षा के खर्च में कमी लाकर इसे लोगों के लिए आसान बनाना भी भारत सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बताया।
 

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह तिरूव्अनंतपुरम में भारतीय विचार केंद्रम द्वारा आयोजित एक शैक्षणिक सम्मलेन में अपना विचार रखते हुए उक्त बातें कहीं। 

इसे शेयर करें:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *