नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अखिलेश यादव ने गुरुवार को डीएमके छात्र संगठन द्वारा यूजीसी मसौदा नियमों के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर “इतिहास मिटाने” के निरंतर प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा, “मैं पहले से कहता आ रहा हूं कि आरएसएस का उद्देश्य इस देश के सभी अन्य इतिहासों, संस्कृतियों और परंपराओं को मिटाना है। यह उनका शुरुआती कदम है और वे यही हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने संविधान पर हमला किया क्योंकि वे इस देश पर एक विचार, एक इतिहास, एक परंपरा और एक भाषा थोपना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “शिक्षा प्रणाली में वे जो कर रहे हैं, यह उनके एजेंडे को आगे बढ़ाने का एक और प्रयास है… मैं चाहता हूं कि इस तरह के कई विरोध प्रदर्शन हों क्योंकि आरएसएस को यह समझना होगा कि वे संविधान पर हमला नहीं कर सकते। वे हमारे राज्यों, हमारी संस्कृतियों, हमारी परंपराओं और हमारे इतिहास पर हमला नहीं कर सकते।”
#WATCH | Delhi | While addressing the protest by the DMK students wing against the University Grants Commission (UGC) draft rules, Lok Sabha LoP & Congress MP Rahul Gandhi says, “I have been saying now for some time that the aim of the RSS is the eradication of all other… pic.twitter.com/BuMKrGbJLU
— ANI (@ANI) February 6, 2025
अखिलेश यादव का केंद्र सरकार पर हमला
समाजवादी पार्टी सांसद और इंडिया गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वे नई शिक्षा नीति (NEP) का विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा, “वे राज्य सरकारों की सारी शक्तियां अपने हाथ में लेना चाहते हैं। वे राजनेताओं को उद्योगपतियों का सेवक बनाना चाहते हैं। हम कभी भी नई शिक्षा नीति का समर्थन नहीं करेंगे… मैं यहां मौजूद सभी छात्रों और आपके फैसले का समर्थन करता हूं। मैं एनईपी के खिलाफ हूं। मैं बीजेपी के खिलाफ हूं।”
VIDEO | Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) joins DMK students wing protest in Delhi against UGC’s draft regulations.
“… They want to take over all the power of state governments. They want to make politicians servants of industrialists. We can never support… pic.twitter.com/o5eQ8wRbi0
— Press Trust of India (@PTI_News) February 6, 2025
यूजीसी के नए मसौदा दिशानिर्देश क्या हैं?
यूजीसी के नए मसौदा दिशानिर्देशों के अनुसार, उम्मीदवार अपने पसंदीदा विषय में यूजीसी-नेट पास करके उच्च शिक्षा संस्थानों में फैकल्टी पदों के लिए योग्य हो सकते हैं, चाहे उनकी स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) की डिग्री अलग-अलग विषयों में क्यों न हो। इसके अलावा, दिशानिर्देशों में कुलपतियों (Vice-Chancellors) की पात्रता का दायरा बढ़ाने का भी प्रस्ताव है, जिससे अकादमिक, अनुसंधान संस्थान, सार्वजनिक नीति, सार्वजनिक प्रशासन और उद्योगों के पेशेवरों को भी इस पद के लिए पात्र बनाया जा सके।
यूजीसी अध्यक्ष का बचाव
यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने ANI से बात करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की।
उन्होंने कहा, “अब खोज-सह-चयन समिति (Search-cum-Selection Committee) कुलाधिपति (Chancellor) द्वारा बनाई जाएगी, जो कि 2018 के नियमों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं था।”
उन्होंने आगे कहा, “यह नया ढांचा अस्पष्टता को समाप्त करता है और प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाता है।” Source link
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