सुप्रीम कोर्ट ने यौन तस्करी पर दिशा-निर्देश पर निष्क्रियता के लिए केंद्र को फटकार लगाई
जस्टिस पीबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पाया है कि 9 दिसंबर, 2015 को गृह मंत्रालय को यौन तस्करी की जांच के लिए एक समर्पित निकाय स्थापित करने का निर्देश खारिज कर दिया गया था। | फोटो साभार: सुशील कुमार वर्मा
दिसंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के नौ साल बाद भी सरकार अभी तक यौन तस्करी के खिलाफ एक "व्यापक कानून" लागू नहीं कर पाई है।जस्टिस पीबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मंगलवार (नवंबर 12, 2024) को पाया कि 9 दिसंबर, 2015 को गृह मंत्रालय को यौन तस्करी की जांच के लिए एक समर्पित निकाय स्थापित करने का निर्देश खारिज कर दिया गया था।प्रस्तावित 'संगठित अपराध जांच एजेंसी' या ओसीआईए को दिन का उजाला नहीं मिला। शीर्ष अदालत ने मंत्रालय को 30 सितंबर, 2016 से पहले ओसीआईए बनाने का आदेश दिया था। माना जाता है कि यह 1 ...