सुप्रीम कोर्ट के नियम एमएसएमई प्रमोटर अब आईबीसी के तहत समाधान योजना प्रस्तुत कर सकते हैं
नई दिल्ली, 4 नवंबर (केएनएन) एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) की धारा 29ए और 240ए की प्रयोज्यता को स्पष्ट किया है, जिससे दिवालियेपन का सामना कर रहे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को महत्वपूर्ण राहत मिली है।
अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि धारा 240ए के तहत पात्रता का आकलन करने की महत्वपूर्ण तारीख समाधान योजना जमा करने की तारीख है, न कि कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) की शुरुआत।
यह निर्णय राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के एक पूर्व फैसले को पलट देता है, जिसने एमएसएमई प्रमोटरों को समाधान योजनाएं जमा करने से प्रतिबंधित कर दिया था यदि उनका एमएसएमई प्रमाणन सीआईआरपी प्रारंभ होने के बाद प्राप्त किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एमएसएमई प्रमोटरों को नियंत्रण बनाए रखने और व्यवहार्य व्यवसायों के पुनरुद्धार की स...