साहित्य

जनता बड़ी ख़ुशहाल है
कविता

जनता बड़ी ख़ुशहाल है

      दिल का हाल सुनाने को यारो। फिर वही चौपाल है। वही पान की टपरी है। वही टी स्टॉल है। सत्ताधारी झूठे दावे करते हैं। जनता बड़ी खुशहाल है। हकीकत उनको भी पता है कि लोग कितने तंग हाल हैं। मिलती नहीं उनको दो वक्त की रोटी दाल है। नेताओं के तो सब करीबी लखपति मालामाल है। खैर, कोई बात नहीं। अब चुनाव आ गए हैं। अब तो होंगी यार नोटों की भरमार। कोई देगा पांच सौ, कोई देगा हज़ार। बिरयानी और मुर्गा लेकर जाएंगे बीयर बार। चार दिनों का नशा कराकर तबियत मस्त कर देते हैं। पांच सालों के लिए दाने-दाने को त्रस्त कर देते हैं। अफसर हमारे देश की व्यवस्था को भ्रष्ट कर देते हैं। नेता हमारे देश को ही नष्ट कर देते हैं।...
एक छोटे से बीज का बड़ा सपना
कहानी

एक छोटे से बीज का बड़ा सपना

  एक छोटा सा बीज, एक बड़े से पेड़ का सपना देखता था। वो अंधेरे में दबा हुआ था, ठंड महसूस कर रहा था। उसे लगता था कि वो कभी बाहर नहीं निकल पाएगा। लेकिन, उसके अंदर एक उम्मीद की किरण थी। वो उम्मीद उसे हर दिन आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती थी। एक दिन, सूरज की किरण ने उस बीज को छुआ। उस किरण ने बीज को बताया कि वो बहुत ख़ास है। उसने बीज को बताया कि वो एक दिन बड़ा पेड़ बन सकता है। बीज ने उस किरण की बातों को दिल से लगा लिया। उसने अपनी सारी ताक़त लगाकर धरती के सीने को चीरते हुए बाहर निकल आया। बाहर निकल कर बीज ने देखा कि दुनिया कितनी ख़ूबसूरत है। उसने आसपास के पेड़ों को देखा और सोचा कि वो भी एक दिन उनके जैसा बड़ा और मज़बूत होगा। उसने धूप और पानी का भरपूर उपयोग किया और दिन-रात बढ़ता रहा। कुछ समय बाद, वो एक छोटा सा पौधा बन गया। उसने पत्तियां निकाली और हवा में लहराने लगा। वो पक्षियों के लिए घर और कीड़ों के...
सॉरी सरपंच जी…
कहानी

सॉरी सरपंच जी…

फूलपुर गाँव में आने के बाद रमेश, रेखा और उनके दोनों बच्चों का दिल बाग़-बाग़ हो गया था. चारों तरफ़ हरियाली थी, और चिड़ियों की चहचहाट कानों में रस घोल रही थी. वे लोग वहाँ की सादगी और सौम्यता से बहुत प्रभावित हुए थे. पहाड़ की गोद में नदी-नालों के बीच बसा हरियाली की चादर ओढ़े हुए, फूलपुर गाँव ने रमेश के परिवार को, जैसे सम्मोहित कर दिया था. पेड़-पौधों को स्पर्श करती ताज़ी हवा की मधुर आवाज़, झरने से गिरते पानी के कोलाहल और चिड़ियों की चहचहाट के बीच एक अद्भुत और अकल्पनीय शांति थी. दरअसल रमेश और उसकी पत्नी रेखा फूलपुर गाँव से कोसों दूर ज़िला मुख्यालय शेरपुर के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. चंद दिनों पहले विभाग ने उनका ट्रांसफर फूलपुर गाँव में कर दिया था. आज रमेश अपने परिवार के साथ जॉइनिंग से पहले फूलपुर गाँव देखने आया था. रमेश की पत्नी और बच्चों को गाँव और फूलपुर के लोग बहुत पसंद आए थे. बच्चों ने ...
बहादुर बच्ची
कहानी

बहादुर बच्ची

  हिमालय के एक छोटे से गाँव में रहती थी आन्या। आन्या एक साधारण सी लड़की थी, लेकिन उसके दिल में एक असाधारण साहस छिपा हुआ था। गाँव के लोग अक्सर उसे डरावनी कहानियां सुनाते थे कि गाँव के पीछे के जंगल में एक भयानक राक्षस रहता है। राक्षस इतना डरावना था कि कोई भी उस जंगल में जाने की हिम्मत नहीं करता था। एक दिन, गाँव के लोगों ने देखा कि गाँव का पानी सूख रहा है। नदी का पानी भी गंदा हो चुका था। गाँव के लोग बहुत परेशान थे। उन्हें पता था कि अगर जल्द ही पानी नहीं मिला तो सबकी जान खतरे में पड़ जाएगी। आन्या ने गाँव वालों की परेशानी देखी और उसने एक फैसला किया। वह जंगल में जाकर राक्षस से बात करेगी और उससे पानी वापस लाने के लिए कहेगी। गाँव वाले आन्या को मना करने लगे, लेकिन आन्या नहीं मानी। वह जानती थी कि अगर उसे कुछ करना है तो उसे खुद ही आगे आना होगा। आन्या ने एक छोटा सा बर्तन और कुछ फल लेकर जंगल में रव...
कहानी एक छोटी सी किरण की
कहानी

कहानी एक छोटी सी किरण की

एक बार की बात है, एक छोटी सी किरण ने अंधेरे कमरे में जन्म लिया। वह कमरा बहुत अंधेरा था, इतना अंधेरा कि किरण को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। वह डर गई और रोने लगी। तभी एक बूढ़ी दीया ने किरण को देखा और कहा, "बेटी, डरो मत। तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम्हारे अंदर बहुत रोशनी है।" किरण ने पूछा, "लेकिन दादी, यह अंधेरा कमरा... मैं कुछ भी नहीं कर सकती।" दीया ने मुस्कुराते हुए कहा, "बेटी, रोशनी का काम सिर्फ चमकना ही नहीं होता। रोशनी का काम अंधेरे को दूर करना भी होता है। तुम अपनी इस छोटी सी रोशनी से भी इस कमरे को थोड़ा सा रोशन कर सकती हो।" किरण ने दीया की बातों को ध्यान से सुना और हिम्मत जुटाकर अपनी रोशनी फैलाना शुरू किया। उसकी छोटी सी रोशनी ने कमरे के एक छोटे से कोने को रोशन कर दिया। किरण को देखकर कमरे में रखी हुई किताबें भी खुश हो उठीं। उन्होंने कहा, "किरण, तुमने हमारे अंदर की कहानियों को जीवंत कर द...
कहानी रवि की
कहानी

कहानी रवि की

  गाँव के किनारे एक छोटा सा झोपड़ा था, जिसमें रहता था एक लड़का जिसका नाम था रवि। रवि बाकी बच्चों की तरह शरारती तो था, लेकिन उसमें कोई खास ताकत नहीं थी। न वह तेज़ दौड़ सकता था, न ही ऊँची छलांग लगा सकता था। गाँव के बड़े-बूढ़े उसे प्यार से 'रविया' कहते थे। एक दिन, गाँव के पास बहने वाली नदी में बाढ़ आ गई। नदी का पानी तेज़ी से बढ़ रहा था और गाँव को डूबने का खतरा था। गाँव वाले बहुत घबराए हुए थे। वे नहीं जानते थे कि अब क्या करें। तभी रवि को एक विचार आया। उसने देखा कि गाँव के बाहर एक बड़ा सा पेड़ है। वह पेड़ नदी के किनारे लगा हुआ था और उसकी जड़ें बहुत मज़बूत थीं। रवि ने सोचा कि अगर वह उस पेड़ पर चढ़ जाए तो शायद वह ऊपर से देख सके कि बाढ़ का पानी कहाँ तक बढ़ रहा है। रवि ने हिम्मत करके पेड़ पर चढ़ना शुरू किया। पेड़ बहुत ऊँचा था, लेकिन रवि ने हार नहीं मानी। उसने धीरे-धीरे ऊपर चढ़ना जारी रखा। जब वह...
गोदान: एक अमर कृति की समीक्षा
पुस्तक समीक्षा

गोदान: एक अमर कृति की समीक्षा

प्रेमचंद की अमर कृति गोदान प्रेमचंद की अमर कृति गोदान भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण रत्न है। यह उपन्यास भारतीय किसानों के जीवन, संघर्षों और शोषण को बड़ी ही मार्मिकता से चित्रित करता है। होरी नामक एक किसान के जीवन के माध्यम से प्रेमचंद ने भारतीय समाज की जटिलताओं और सामाजिक असमानता को उजागर किया है। प्रेमचंद का उपन्यास गोदान भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण रत्न है। यह उपन्यास दो अलग-अलग, लेकिन परस्पर जुड़े हुए जीवन - ग्रामीण और शहरी - को बड़ी ही सटीकता से चित्रित करता है। गोदान, उस समय के भारत की एक सच्ची तस्वीर है, जब किसान महाजनी व्यवस्था के जाल में फंसे हुए थे और लगातार शोषण का शिकार हो रहे थे। मुख्य पात्र होरी नामक किसान, इस उपन्यास का मुख्य पात्र है। वह एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति है, जो अपने परिवार की भलाई के लिए दिन-रात एक करता रहता है। लेकिन, उसके सारे प्रयासों के बावजूद, वह...