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सूद मुक्त वित्तीय सहायता: दारुलख़ैर का एसडीए प्रोजेक्ट- ज़रूरतमंदों के लिए एक उम्मीद की किरण
प्रेस रिलीज़, सोसाइटी

सूद मुक्त वित्तीय सहायता: दारुलख़ैर का एसडीए प्रोजेक्ट- ज़रूरतमंदों के लिए एक उम्मीद की किरण

मुंबई (प्रेस रिलीज़): हमारे देश में वित्तीय सहायता अक्सर ब्याज के बोझ के साथ आती है। दारुलख़ैर, एक गैर-लाभकारी संगठन जो जनकल्याण के लिए समर्पित है, एक नए रास्ते पर अग्रसर है। इस संगठन का सोशल एंड डेवलपमेंट अलायंस (SDA) प्रोजेक्ट सूद मुक्त कर्जों की पेशकश कर रहा है, जो उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो इस्लामी शिक्षाओं के तहत सूद आधारित वित्तीय प्रणाली से बचना चाहते हैं। जीवनयापन की लागत में वृद्धि और बड़ी संख्या में लोगों के लिए दैनिक खर्चे पूरा करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सूद मुक्त कर्जों की मांग बढ़ रही है। जबकि कई वित्तीय संस्थान तुरंत धन प्रदान करते हैं, लेकिन सूद का छिपा जाल अक्सर उधारकर्ताओं को क़र्ज की खाई में धकेल देता है। ऐसे लोग जो सूद से बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं, उनके लिए एसडीए प्रोजेक्ट एक सहारा प्रदान कर रहा है। दारुलख़ैर के प्रोजेक्ट की फंडिंग कैसे होती है? द...
“कोई भी महिला अपने पति को किसी दूसरी महिला के साथ रहते हुए बर्दाश्त नहीं कर सकती”: दिल्ली हाईकोर्ट
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“कोई भी महिला अपने पति को किसी दूसरी महिला के साथ रहते हुए बर्दाश्त नहीं कर सकती”: दिल्ली हाईकोर्ट

घरेलू हिंसा के एक मामले में अपील को खारिज करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में दिए एक फैसले में अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि महिला को परजीवी कहना न केवल प्रतिवादी (पत्नी) का अपमान है, बल्कि समस्त महिला जाति का अपमान है। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा, "कोई भी महिला यह बर्दाश्त नहीं कर सकती कि उसका पति किसी दूसरी महिला के साथ रह रहा हो और उससे उसका बच्चा भी हो।" पति ने दूसरी महिला से शादी कर ली थी और उससे उसकी एक बेटी भी थी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने 10 सितंबर को पारित फैसले में कहा, "यह तर्क कि प्रतिवादी (पत्नी) केवल एक परजीवी है और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है, न केवल प्रतिवादी (पत्नी) बल्कि समस्त महिला जाति का अपमान है।" याचिकाकर्ता (पति) ने 19 सितंबर, 2022 को ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने महिला न्य...
दलितों ने मंदिर प्रवेश प्रतिबंध के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने के लिए सीताराम येचुरी द्वारा कर्नाटक के गांव का दौरा करने को याद किया
देश, शख़्सियत, सोसाइटी

दलितों ने मंदिर प्रवेश प्रतिबंध के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने के लिए सीताराम येचुरी द्वारा कर्नाटक के गांव का दौरा करने को याद किया

कर्नाटक के हासन जिले के होलेनरसीपुर तालुका के सिगरनहल्ली के निवासी 22 सितंबर, 2024 को सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि देते हुए। | फोटो क्रेडिट: स्पेशल अरेंजमेंट कर्नाटक के होलेनरसीपुर तालुका के सिगरनाहल्ली के निवासियों ने एक असामान्य कदम उठाते हुए सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका 12 सितंबर को निधन हो गया था। यह गांव महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर दंड लगाने के खिलाफ लड़ाई के लिए जाना जाता है। 24 जुलाई, 2016 को कर्नाटक के हसन जिले के होलनरसिपुर तालुका के सिगरनहल्ली का दौरा करते हुए सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी की फाइल फोटो। उन्होंने गांव के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ लड़ने वाले दलितों से बातचीत की। | फोटो क्रेडिट: प्रकाश हसन   22 सितंबर को गांव के अनुसूचित जाति के लोगों ने येचुरी के उनके कॉलोनी दौरे को ...
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हज कमिटी ने नई हज नीति हेतु अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी

मुंबई (पसुका समाचार): भारत सरकार द्वारा देश में 2013-17 की हज नीति की समीक्षा करने तथा 2018-22 के लिए नई हज नीति की रूपरेखा पर  परामर्श देने के लिए एक समिति गठित की गयी थी। उक्त समिति ने आज यहाँ भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री  मुख्तार अब्बास नकवी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। आज मुंबई यह रिपोर्ट भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य सचिव अमेयसिंग लुइखम, अध्यक्ष, भारतीय हज समिति, चौधरी महबूब अली कैसर, सऊदी अरबमें भारत के राजदूत अहमद जावेद, भारतीय हज समिति के अन्य सदस्यों और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीयों की मौजूदगी में यह रिपोर्ट पेश की गयी।गौर तलब है कि, भारत से हज के लिए लोग दो माध्यमों से सऊदी अरब जाते हैं। हर वर्ष देश को आवंटित कुल कोटे में से कुछ लोग देश के हज कमिटी की तरफ से जाते हैं, जिसका प्रबंधन भारत सरकार के हा...