पटना: बिहार के नवादा में कृष्णानगर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में अज्ञात बदमाशों ने करीब 20 से 25 घरों में आग लगा दी।
उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सुनील कुमार के अनुसार, हिंसा का कारण भूमि विवाद माना जा रहा है, हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
इस घटना से विपक्ष में काफी आक्रोश फैल गया है, जिसके कारण क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक हंगामा मच गया है।
कांग्रेस नेता Rahul Gandhi फैसले की आलोचना की एनडीए गठबंधन पर समुदाय की सुरक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “महादलितों की एक पूरी बस्ती को जला देना और 80 से अधिक परिवारों के घरों को नष्ट करना बिहार में बहुजनों द्वारा झेले जा रहे भयानक अन्याय को उजागर करता है। दलित परिवारों की चीखें और गोलियों से पैदा हुआ आतंक बिहार की सोई हुई सरकार को नहीं जगा पाया है।”
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती पीड़ितों के लिए सरकारी सहायता की मांग की।
“जलना दलितों के घर नवादा में हुई घटना अत्यंत दुखद और गंभीर है। सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और उनके पुनर्वास के लिए पूरी आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।”
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उन्होंने दलितों की उपेक्षा के लिए एनडीए की निंदा की और दावा किया कि राज्य में जंगल राज है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “100 से अधिक दलितों के घर जला दिए गए। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के शासन में गरीब लोग परेशान हैं, जबकि सरकार उदासीन बनी हुई है। दलितों के खिलाफ अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी घटना की निंदा की तथा एनडीए शासित बिहार में दलितों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
खड़गे ने एक्सटीवी पर कहा, “यह अस्वीकार्य है कि करीब 100 दलितों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें परिवारों ने अपना सब कुछ खो दिया। भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा दलितों की उपेक्षा चरम पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री मोदी चुप हैं और नीतीश कुमार उदासीन हैं।”
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