एनएससीएन ने ऑयल इंडिया लिमिटेड से ₹20 लाख वार्षिक रंगदारी टैक्स की मांग की; सुरक्षा उपाय कड़े किये गये


ऑयल इंडिया लिमिटेड को एनएससीएन जीपीआरएन से जबरन वसूली की मांग का सामना करना पड़ा; मानभूम उत्पादन क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी | एक्स

गुवाहाटी, 6 दिसंबर: कच्चे तेल की प्रमुख कंपनी महारत्न पीएसयू ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) जीपीआरएन समूह से जबरन वसूली की मांग मिली है।

एनएससीएन/जीपीआरएन के ‘प्रशासनिक अधिकारी’ ‘मेजर’ था आंग द्वारा हस्ताक्षरित जबरन वसूली पत्र में मांग की गई है कि ओआईएल बोर्डोम्सा, डियुन और इनाओ क्षेत्रों में परिचालन जारी रखने के लिए 20 लाख रुपये का वार्षिक कर का भुगतान करे।

पत्र में चेतावनी दी गई है कि किसी भी सुरक्षा चूक या भुगतान में देरी के लिए ओआईएल को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और समूह ने 10 दिसंबर तक भुगतान की समय सीमा तय की है।

एनएससीएन जीपीआरएन संगठन ने अरुणाचल प्रदेश के मानभूम में ओआईएल उत्पादन अधिकारियों को जबरन वसूली पत्र जारी किया है। इस मामले पर बोलते हुए ओआईएल के प्रवक्ता प्रांकुश एम बुज़ारबरुआ ने कहा, “हमने यह मुद्दा अरुणाचल प्रदेश सरकार के सामने उठाया है।”

दूसरी ओर, ओआईएल के सीजीएम (सुरक्षा) पोराग गोगोई ने कहा कि संबंधित सुरक्षा बलों द्वारा मानभूम उत्पादन क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को मजबूत किया गया है।

गोगोई ने यह भी बताया कि ओआईएल ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मुख्य सचिव और अरुणाचल प्रदेश के अन्य संबंधित अधिकारियों के सामने उठाया है।




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