अर्थ जगत

भारतीय रेलवे 2025 तक हाइड्रोजन ट्रेन का परीक्षण करेगा
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भारतीय रेलवे 2025 तक हाइड्रोजन ट्रेन का परीक्षण करेगा

नई दिल्ली, 12 सितम्बर (केएनएन) भारतीय रेलवे जनवरी 2025 के आसपास देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन चालित ट्रेन का फील्ड परीक्षण करने की योजना के साथ एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है। यह पहल भारत में स्वच्छ एवं अधिक टिकाऊ रेल परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परियोजना के रोडमैप से पता चलता है कि इस हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस प्रोटोटाइप के लिए फील्ड ट्रायल एक महीने बाद शुरू होंगे। शुरुआती चरण में, हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक को समायोजित करने के लिए कुछ मौजूदा डीजल इंजनों को फिर से तैयार किया जाएगा। 1200 किलोवाट डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डीईएमयू) को हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित वितरित पावर रोलिंग स्टॉक (डीपीआरएस) में बदलने के लिए अनुबंध दिए गए हैं। यह रूपांतरण महत...
महाराष्ट्र में ज़हरिली गैस के कारण 20 किसानों की मौत
कृषि, प्रदेश, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में ज़हरिली गैस के कारण 20 किसानों की मौत

महाराष्ट्र में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के दौरान ज़हरिली गैस के कारण 20 किसानों की मौत हो गयी है और सैकड़ों किसानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है! गौर तलब है कि, महाराष्ट्र में फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान सुरक्षा उपाय न करने के कारण यह मौतें हुई हैं! राज्य में किसानों की मौत पर बयान देते हुए महाराष्ट्र सरकार के प्रवक्ता किशोर तिवारी ने कहा कि “ राज्य में 20 किसान मारे गए हैं और सैकड़ों किसानों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायीजा रही है, जिनमें से 50 की हालत चिंताजनक हे! दरअसल कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से राज्य में पहली मौत अगस्त में हुई थी और सितंबर महिने में यह आंकड़ा और बढ़ गया! उन्हों ने कहा कि, प्रभावित लोगों ने सुरक्षा जूते, मास्क और दस्ताने नहीं पहने थे, जिसके कारण उन्हें सिरदर्द और आंखों में दर्द की शिकायत महसूस हुई!किन्तु, किसानों का कहना है कि, हम पहले ही ग़रीबी से जूझ रहे हैं ...
अर्थ जगत, आदिवासी, कारोबार

लघु वन उत्पादों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य देश भर में लागू

नई दिल्लीः भारत सरकार ने लघु वन उत्पादों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य का समस्त देश में कार्यान्वयन करने का फैसला लिया है। दरअसल लघु वन उत्पादों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलवाने की इस योजना पर पहले से ही 9 राज्यों में अमल हो रहा था, जिसे अब समस्त देश के लिए कर दिया गया है। निःसंदेह इस से आदिवासी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा निर्गत एक प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि, शुरूआती दौर में यह सुविधा केवल 24 लघु वन उत्पादों के लिये ही उपलब्ध कराये जायेंगे। लेकिन इस संख्या को क्रमबद्ध ढंग से बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। गौर तलब है कि, लघु वन उत्पाद आदिवासी अथवा वन आधारित अर्थव्यवस्था में अहम् भूमिका निभाते हैं, क्योंकि यही उनके जीविकापार्जन का प्रमुख साधन होता है। किन्तु बाज़ार आधारित मूल्यों में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव से आदिवासी समुदाय पर प्रतिकूल प्...
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आदिवासियों द्वारा निर्मित लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री हेतु अमेज़न के साथ भारत सरकार ने किया क़रार

नई दिल्लीः भारत सरकार ने लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए दुनिया की जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न से एक क़रार किया है। दरअसल आज हर प्रकार के उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बेचे जा रहे हैं और देश में ऑनलाइन ख़रीदारी के बढ़ते हुए चलन को देखते हुए भारत सरकार ने भी लघु वन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मेसर्स अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ क़रार किया है।गौर तलब है कि बांस, केन, चारे, पत्ते,गोंद,मोम,रंग और नट्स, जंगली फल, शहद, लाख, तसर इत्यादि जैसे अनेक वनस्पति मूल के वे गैर-लकड़ी वन्य उत्पाद हैं, जो अभावग्रस्त आदिवासियों की जीविकापार्जन का साधन हैं तथा इन उत्पादों की बाज़ार में भी अच्छी खासी मांग भी है।यह क़रार भारत सरकार की ओर से Trifed ने किया है। Trifed अर्थात् भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ, जो जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत एक राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन ह...
अर्थ जगत, देश

जीएसटी को अमेरिकी राष्ट्रपति को दिखाने के लिए बहुत जल्दबाजी में लागू किया गया: राहुल गांधी

बांसवारा (राजस्थान): अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में मोदी सरकार द्वारा जल्दबाज़ी में लागू किये गए जीएसटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि, जीएसटी केवल दुनिया को प्रभावित करने के लिए जल्दबाजी में लागू किया गया है। राहुल ने राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र बांसवारा में एक किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन के लिए संसद आधी रात तक काम कर सकता है, लेकिन किसानों की समस्याओं पर केवल एक मिनट भी चर्चा नहीं कर सकता । उन्होंने केंद्र की एन डी ए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, वह बांसवारा आगमन से पहले लोकसभा में किसानों की समस्याओं पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन उन्हें इस मसले पर चर्चा करने के लिए एक मिनट के लिए भी की अनुमति नहीं दी गई। राहुल ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जीएसटी मध्यरात्रि को लागू किया गया। राहुल गांधी...
अर्थ जगत, देश

जल्द ही बीस रूपए के नए नोट होंगे बाज़ार में

मुंबई: भारतीय रिज़र्व बैंक जल्द ही बीस रुपए के नए नोट जारी करेगा। यह नोट महात्मा गांधी श्रृंखला – 2005 में मामूली बदलाव के साथ जारी किया जाएगा। भारत के केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि नई नोटों में 'आर' शब्द शामिल किया जाएगा।  इस नोट पर वर्ष 2016 मुद्रित होगा तथा इस पर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का हस्ताक्षर होगा।आरबीआई के अनुसार दोनों ओर नंबर पैनल में ‘आर’ शब्द शामिल किया जाएगा तथा पुराने बीस रुपए के नोट में मामूली बदलाव के साथ नया नोट जारी किया जाएगा। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि,  बीस रुपए के पूर्व के सभी बैंक नोट की वैधता बनी रहेगी। उल्लेखनीय है कि, नोट के पिछले हिस्से में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है।...
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मनरेगा के तहत 2017-18 में 86 फीसदी मजदूरी का भुगतान समय से किया गया

मनरेगा के तहत, अप्रैल से जून 2017 में खासकर जल संरक्षण कार्यों में दिहाड़ी मजदूरों की मांग बढ़ी है। लगभग 75 करोड़ व्यक्ति के लिए पहले से ही काम उपलब्ध है और 15 जुलाई 2017 तक इसके बढ़ने की संभावना है। इसका अर्थ है कि मनरेगा के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 80 लाख से 1 करोड़ लोग प्रतिदिन काम कर रहे हैं। इनमें से 86 फीसदी से ज्यादा लोगों को 15 दिन के भीतर भुगतान किया है। पिछले सालों के मुकाबले यह महत्वपूर्ण सुधार है। 99 फीसदी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (ई-एफएमएस) के जरिये किया जाता है। केन्द्र सरकार ने समय से कोष प्रदान करना सुनिश्चित किया है और राज्यों ने समय पर भुगतान करने के लिए कार्यान्वयन प्रणाली को सुदृढ़ किया।कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर बल देने के लिए कार्यक्षेत्र पर 74 फीसदी व्यय किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन ने जल संचयन और जल संरक्षण के लिए 2,26...
कृषि व्यवसाय

प्राकृतिक रेशा भारतीय वस्त्र उद्योग की रीढ़ है: केन्द्रीय कृषि मंत्री

गांधीनगर (पीआईबी न्यूज़): केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि प्राकृतिक रेशों का क्षेत्रीय विकास देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आर्थिक महत्व और सामाजिक विकास में गहरा प्रभाव है। यह वक्तव्य उन्होंने टेक्सटाइल इंडिया 2017, गांधीनगर, गुजरात में दिया। मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक रेशे भारतीय वस्त्र उद्योग की नींव हैं, जो उद्योग के 60% से अधिक हिस्से का योगदान करते हैं। कृषि के बाद, यह उद्योग लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। छोटे और मध्यम उद्योग भी प्राकृतिक रेशों के उप-उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। विश्वभर में 75 मिलियन से अधिक परिवार प्राकृतिक रेशों के उत्पादन में लगे हैं, जबकि भारत में लगभग 30 लाख किसान इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक रेशों को कृत्रिम रेशों जैसे ऐक्रेलिक और पॉलिएस्टर से ...