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सिद्धारमैया विवाद: कपिल सिब्बल ने भाजपा पर चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने के कपटपूर्ण तरीके अपनाने का आरोप लगाया
कर्नाटक, देश, राजनीति

सिद्धारमैया विवाद: कपिल सिब्बल ने भाजपा पर चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने के कपटपूर्ण तरीके अपनाने का आरोप लगाया

कपिल सिब्बल। फाइल | फोटो साभार: पीटीआई कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार (25 सितंबर, 2024) को भाजपा की आलोचना की और उस पर निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने और गिराने के लिए "कपटपूर्ण तरीके" अपनाने का आरोप लगाया।   श्री सिब्बल ने यह भी कहा कि राज्यपाल अब एक ऐसा प्राधिकारी बन गए हैं, जिनके काम से सरकार को "गद्दी से उतारा" जा सकता है। श्री सिद्धारमैया को झटका देते हुए उच्च न्यायालय ने मंगलवार (24 सितंबर, 2024) को उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। MUDA भूमि आवंटन मामला उन्होंने कहा कि गवर्नर का आदेश कहीं भी "विचार के अभाव से ग्रस्त नहीं है"। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने मैसूर...
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टिपू सुल्तान नायक थे जो अंग्रेज़ों से लड़ते हुए एक वीर की मौत मरे: राष्ट्रपति कोविंद

बेंगलुरु: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज यहाँ कर्नाटक विधानसभा को संबोधित करते हुए टीपू सुल्तान को याद किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि, टीपू सुल्तान अंग्रेजों के खिलाफ़ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उन्हों ने मैसूर के पूर्व शासक टीपू सुल्तान को एक महान स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए एक नायक की संज्ञा दी, जो अंग्रेज़ी साम्राज्यवादी ताक़तों का डट कर मुक़ाबला करते हुए शहीद हुए। राष्ट्रपति ने टीपू सुल्तान को अंग्रेजों के विरुद्ध प्रतिरोध का प्रतीक भी बताया।राष्ट्रपति आज यहाँ कर्नाटक विधानसभा के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे। वह रॉकेट के आविष्कार में टीपू सुल्तान के अमूल्य योगदान को याद करना भी नहीं भूले। उन्हों ने कहा कि, टीपू सुल्तान के शासनकाल में मैसूर रॉकेट के विकास और उपयोग में अग्रणी था, जिस तकनीक को यूरोप ने बाद में अपनाया।गौरतलब...
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कर्नाटक: महिला पत्रकार गौरी लंकेश की पुरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

©Hari Prasad Nadigबेंगलुरू। दक्षिण भारत की मशहूर पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। गौर तलब है कि, गौरी लंकेश की कल अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई थी । उनका अंतिम संस्कार लिंगायत समुदाय के रीति-रिवाजों के अनुसार बेंगलुरू के चामराजपेट के एक कब्रिस्तान में किया गया जहाँ उनके पार्थिव शरीर को दफनाया गया।  गौरी लंकेश कन्नड़ पत्रिका लंकेश पत्रिके की संपादक थीं। गौरी लंकेश एक निडर और साहसी महिला थीं। उनके हत्या को देश के निर्भीक आवाज़ को दबाने की एक साज़िश के तौर पर देखा जा रहा है। गौरी लंकेश की नृशंस हत्या से पूरा देश स्तब्ध रह गया था। देश के पत्रकारों, लेखकों, विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ साथ देश के प्रबुद्ध नागरिकों ने एक सुर में उनकी हत्या की निंदा की है। वहीं, अमेरिका ने भी इस हत्याकांड को प्रेस की आजादी के ल...