नई दिल्ली- हिट एंड रन मामलों में कड़ी सजा के प्रावधान को लेकर ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी हड़ताल मंगलवार को समाप्त हो गई। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस (AIMTC) के प्रतिनिधियों से बैठक की और उन्हें आश्वासन दिया कि नए कानून को लागू करने से पहले ट्रांसपोर्टरों की चिंताओं को सुना जाएगा। भल्ला ने कहा कि सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून और जुर्माने के प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले AIMTC से विचार विमर्श किया जाएगा। ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टर की चिंंताओं को सुनने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
AIMTC के अध्यक्ष अमृत लाल मदन ने गृह सचिव के साथ बैठक के बाद गतिरोध खत्म करने की अपील की। उन्होंने ड्राइवरों से कहा, “आप सिर्फ हमारे ड्राइवर नहीं, सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आप किसी भी असुविधा का सामना करें।” मदन ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि सरकार, कानून के तहत 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान पर रोक लगाएगी। अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस की अगली बैठक तक कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा। नए कानून के तहत हिट एंड रन के मामले में ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल हो सकती है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि यह कानून बहुत सख्त है। वे चाहते हैं कि इस कानून में संशोधन किया जाए। बैठक में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि कानून ज्यादा सख्त है और जानबूझ कर कोई दुर्घटना को नहीं करता। मौके पर भीड़ हिंसा का डर है और कानूनी प्रक्रिया बेहद लंबी व परेशानी वाली है। कोहरे सहित दूसरे कारणों से भी दुर्घटना हो सकती है।
सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाया कानून है और वक्त पर सूचना से 80% घायलों की जान बच सकती है। चालक जिम्मेदार बनें, दूर जाकर भी दे सकते हैं सूचना। पुलिस की मनमानी पर रोक के भी प्रावधान हैं। हड़ताल के कारण देशभर में पेट्रोल-डीजल, खाद्यान्न, सब्जियों सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई बाधित हुई थी। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
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